कोटा मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की लंबे समय से चल रही हड़ताल रविवार देर रात समाप्त हो गई। इसके बाद सोमवार सुबह से सभी 600 रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौट आए, जिससे एमबीएस हॉस्पिटल सहित शहर के अन्य सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी हैं।
पिछले कुछ दिनों से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी और ऑपरेशन थियेटर सहित कई अहम सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थीं। मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
एमबीएस अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. आर.जे. मीणा ने जानकारी दी कि हड़ताल के चलते अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो रहा था, लेकिन अब सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के काम पर लौट आने से अस्पताल की सेवाएं पुनः सामान्य हो गई हैं।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) कोटा के अध्यक्ष डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि आंदोलन का उद्देश्य किसी से टकराव नहीं था, बल्कि चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर करना और एक साथी डॉक्टर की मृत्यु को लेकर न्याय की मांग करना था। उन्होंने कहा कि मरीजों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए फिलहाल आपातकालीन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन हमारी मांगें अब भी बरकरार हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा, “हमारे इस आंदोलन से सबसे अधिक प्रभावित गरीब और जरूरतमंद मरीज हुए हैं, जिनके लिए सेवा और संवेदना ही हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह निर्णय लिया है कि हम फिलहाल आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू करेंगे।”
रेजिडेंट डॉक्टरों की वापसी से मरीजों और उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। अस्पताल परिसर में अब पहले जैसी रौनक लौट रही है और इलाज की प्रक्रिया फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है।
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