Spotnow News: जयपुर. राजस्थान में भारी बरसात का दौर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में 3 दिन बाद भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अजमेर में लगातार बारिश के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। कई कॉलोनियां और सड़कें पानी में डूब गई हैं, और फॉयसागर झील की पाल टूटने का खतरा बना हुआ है।
अजमेर में बारिश से स्थिति गंभीर, सेना तैनात
अजमेर में भारी बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। कई कॉलोनियां और सड़कें जलमग्न हो गई हैं, और फॉयसागर झील की पाल टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेना को तैनात किया है। रविवार को अजमेर कैंटोनमेंट एरिया के मेजर राजेश यादव ने अपनी टीम के साथ फॉयसागर, आनासागर झील और जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा किया और रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना तैयार की है। अजमेर में आज भी स्कूलों में छुट्टी की गई है।
मौसम विभाग ने सोमवार को 20 से अधिक जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 16 सितंबर के बाद बारिश में राहत मिलने की संभावना है। इस सीजन में प्रदेश में अब तक औसत से 58 फीसदी अधिक पानी बरस चुका है।
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राजस्थान में नदियों में फिर से आया पानी: दशकों बाद बहार
देश में पिछले 10-15 सालों में कई नदियां सूख चुकी हैं और सैकड़ों तालाब, कुएं और झीलें समाप्त हो चुकी हैं, जिससे कई शहर डार्क जोन में आ गए हैं। लेकिन राजस्थान से सुखद खबर आई है। दशकों से सूखी पड़ी नदियां अब फिर से बह रही हैं। राजस्थान की मरूगंगा कही जाने वाली लूणी नदी में 50 साल में पहली बार पानी अजमेर से 320 किलोमीटर दूर बिलाड़ा के पिचियाक बांध तक पहुंचा है। मानसून ने 49 साल का बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, और 58 फीसदी अधिक बारिश के चलते आने वाले वर्षों तक बंपर बारिश का असर दिखाई देगा। इससे ग्राउंड वाटर लेवल 15% तक रिचार्ज होने की संभावना है।