तकनीकी विकास जहां एक ओर जीवन को आसान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा मानकों की अनदेखी अब लोगों की जान के लिए खतरा बनती जा रही है।
अजमेर न्यूज: बीती रात अजमेर में एक ऐसा ही हादसा हुआ। जिसने ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) वाहनों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चंद्रवरदाई इलाके के रहने वाले भरत केसवानी अपनी पत्नी के साथ रात करीब 10 बजे टाटा टिएगो इलेक्ट्रिक कार से घर से निकले थे। जैसे ही वे एलिवेटेड ब्रिज पर पहुंचे, कार के बोनट से अचानक धुआं उठने लगा। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, आग की लपटें बाहर निकलने लगीं। गनीमत रही कि दोनों ने तत्परता दिखाते हुए कार से तुरंत बाहर निकलकर जान बचा ली।
सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। पुलिस ने भी मौके का मुआयना किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
ईवी वाहनों की सुरक्षा पर सवाल
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है। साल 2024 में इस सेक्टर का मूल्य 23.38 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। लेकिन इतनी तेज़ प्रगति के बावजूद, कंपनियां ईव यूजर्स की सेफ्टी को लेकर गंभीर नजर नहीं आतीं। कई बार देखा गया है कि ईवी वाहनों में आग लगने की घटनाएं होती हैं, जिनमें बैटरी की खराबी या चार्जिंग के दौरान शॉर्ट सर्किट अहम वजह होती है।
ईवी तकनीक पर्यावरण के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन जब तक इसे आम आदमी के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं बनाया जाता तब तक यह तरक्की नहीं, एक खतरा है।
यूज़र्स की भी लापरवाही जिम्मेदार
सिर्फ कंपनियां ही नहीं, कई बार उपभोक्ता भी अपनी जिम्मेदारियों को नज़रअंदाज़ करते हैं। वाहन के साथ मिलने वाले सुरक्षा निर्देशों का पालन न करना, गलत चार्जिंग उपकरण का उपयोग और असावधानी से कार रखना, ऐसे हादसों को और बढ़ावा देते हैं।
राजस्थान न्यूज: सीमेंट के कट्टों के नीचे दबने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत
राजस्थान न्यूज: सरकारी अधिकारी पर महिला अधिकारी के अपहरण का आरोप
राजस्थान न्यूज: पिकअप पर लीलण लिखा होने पर 5 हजार का चालान, मचा बवाल