spotnow @ SAMBHAR LAKE. प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी नावां में नमक उत्पादन के लिए नमक उत्पादको को सांभर झील एरिया में बोरवेल करवाने की आवश्यकता रहती है। जहां से खारे पानी (ब्राइन) की चोरी कर नमक का उत्पादन किया जाता है।
SAMBHAR LAKE में नमक उत्पादक रात के अंधेरे में धड़ल्ले से ट्यूबवेल की खुदाई करवा रहे हैं। प्रशासन की ओर से अवैध बोरवेलो पर कार्रवाई की जाती है लेकिन बोरवेल मशीनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती हैं। इसी झील में बोरवेल खुदाई का सिंडिकेट तैयार हो गया है जो हर सरकार में बदल जाता है। बोरवेल और ट्यूबवेल की खुदाई तो होती रहती है केवल बोरवेल मशीन को संचालित करने वाले दलाल बदल जाते है। पहले भी झील में बोरवेल खुदाई की रंजिश में कई अपराध हो चुके है।
प्रशासन ने झील क्षेत्र मे की कारवाई, ग्यारह बोरवेल नष्ट कर सात पंप किए जब्त
कांग्रेस राज में भाजपा नेता जयपाल पुनिया के हत्याकांड की बड़ी वजह भी सांभर झील से जुडी थी। कांग्रेस राज में विधायक के करीबी लोग ही बोरवेल खुदाई में लिप्त थे और अब भाजपा का राज आने के बाद भाजपा विधायक के करीबी लोग बोरवेल खुदाई करवा रहे है। अभी हाल के ही दिनों में भी झील में बोरिंग करने वाले लोगों पर हमला हुआ था लेकिन समझाइश से मामला सुलझा लिया गया।
बड़ी कमाई का जरिया है झील में बोरवेल खुदाई का कारोबार
राजस्थान में सरकार बदलती है लेकिन सांभर झील में बोरवेल मशीन का काला व्यापार बंद नहीं होता। कांग्रेस सरकार में सांभर झील में पंद्रह हजार रुपए व दो सौ रुपए प्रति फीट के हिसाब से बोरवेल हो रहा था। सरकार बदलने के बाद अब 210 रूपए प्रति फीट व 5000 रूपए केसिंग चार्ज लेकर बोरवेल किया जा रहा है। झील में इन दिनों लगभग चार बोरवेल मशीनें संचालित है। नमक उत्पादक 210 रूपए प्रति फीट के देकर झील में बोरवेल करवा रहे है और प्रशासन रात को आराम से सो रहा है। झील में बोरवेल करवाए बिना नमक उद्योग चलाना मुश्किल है।
सांभर झील में प्रशासन की और से अवैध बोरवेलों पर कार्रवाई की जाती है लेकिन रात को चलने वाली बोरवेल मशीनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। बोरवेल मशीनों के संचालको को दो सौ दस रुपए फुट के देकर कहीं भी बोरवेल करवा लो स्थानीय प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है। रात के अंधेरे में प्रतिदिन चार से छ बोरवेल होते है लेकिन प्रशासन ने अनदेखी कर रखी है।
आंखों देखा हाल
Spotnow मीडिया टीम ने बोरवेल मशीनों को लेकर पड़ताल की। एक बोरवेल मशीन 1 मार्च की रात को आऊ सीमा के पास झाड़ियों में बोरवेल कर रही थी तथा एक बोरवेल मशीन मोहनपुरा क्षेत्र में पहाड़ी के सामने दक्षिण की ओर बोरवेल कर रही थी। बोरवेल मशीन संचालकों को कोई डर नही है क्योंकि वो जानते है की उन्हें रोकने कोई नहीं आएगा। इसी प्रकार 2 मार्च की रात को हमारी टीम ने पड़ताल की तो मोहनपुरा झील क्षेत्र में एक मशीन बोरवेल कर रही थी।
निजी जमीन पर अनुमति का प्रावधान
नागौर जिला डार्क जोन में होने के कारण नमक उत्पादको को अपनी निजी जमीन पर बोरवेल करवाने के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेकर बोरवेल करवाने का प्रावधान है। लेकिन कोई भी नमक उत्पादक जिला कलेक्टर से अनुमति लेने के लिए फ़ाइल नहीं लगाते है। क्योंकि स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते बोरवेल मशीन संचालक अधिक पैसे लेकर आसानी से बोरवेल कर देते है। इससे नमक उत्पादको को अनुमति लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है।
रिपोर्ट @ अरुणजोशी, नावांसिटी।