spotnow @ jaipur. politics: राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है, कभी दुश्मनी तो कभी दोस्ती। राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है। जी हां, नागौर की राजनीति में कुछ ऐसा ही हो रहा है।
politics: आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन के प्रत्याशी के रुप में नागौर से चुनाव लड़ रहे हैं। कभी कांग्रेस को भरे मंच को गालियां देने वाले बेनीवाल अब कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं के समर्थन के साथ नागौर जिले का दौरा भी कर चुके है। कभी कांग्रेसी रही ज्योति मिर्धा भी अब भाजपा के साथ-साथ घूम रही है। जबकि मिर्धा कभी भाजपा नेताओं की विरोधी रही है। लेकिन अब साथ-साथ हैं। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की कांग्रेसी नेताओं से लड़ाई भी जगजाहिर है।
politics: नावां में महेन्द्र चौधरी को विधानसभा चुनाव हराने में भी बेनीवाल का अहम् योगदान रहा है। पहले विजयसिंह चौधरी से नजदीकि और फिर महेन्द्र चौधरी के भाई मोतीसिंह चौधरी को जेल पहुंचाने वाले हनुमान बेनीवाल आज महेन्द्र चौधरी के कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं। जिस रामनिवास गावडिय़ा को चुनाव हराने के लिए भरसक प्रयास करने वाले हनुमान बेनीवाल के सारथी- पायलट और चालक जो कुछ भी कहें उनकी गाड़ी चला रहे हैं।
politics: कभी पानी-पी-पीकर महेन्द्र चौधरी को गाली निकालने वाले बेनीवाल आज महेन्द्र चौधरी, रामनिवास गावडिय़ा, मुकेश भाकर, जाकिरहुसैन गैसावत के साथ अपनी लोकसभा सीट बचाने की जुगत में हैं। इधर ज्योति मिर्धा भाजपाई नेताओं के सहारे अपनी नाव पार लगाने के लिए पतवार चला रही है। ऐसे में अब देखना यह तय है कि सियासी गठबंधन के बाद नागौर के कांग्रेस नेता बेनीवाल को कितने वोट दिलवा पाते हैं या फिर केवल दिखावे के लिए मंच साझा हो रहा है।
इन तस्वीरों में समझे नागौर की राजनीति का खेल-
नागौर सीट पर आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल गठबंधन के उम्मीदवार बनाए गए हैं। हनुमान बेनीवाल 27 मार्च को नागौर में सभा करके नामांकन दाखिल करेंगे। इस नामांकन सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। नागौर लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान होना है। कांग्रेस ने आरएलपी के लिए यह सीट खाली छोड़ी है। नागौर के प्रमुख कांग्रेस नेताओं की बैठक और क्षेत्र के दौरे के बाद हनुमान बेनीवाल ने नामांकन की तैयारियां शुरू कर दी है।
गठबंधन बदले लेकिन समीकरण वही
गठबंधन और पार्टियां बदलकर फिर आमने-सामने है ज्योति और हनुमान नागौर सीट पर हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा गठबंधन और पार्टियां बदलकर 2019 की तरह फिर आमने-सामने लड़ रहे हैं। 2019 में ज्योति मिर्धा कांग्रेस से उम्मीदवार थीं जबकि हनुमान बेनीवाल एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार थे। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्योति मिर्धा, बीजेपी से सीआर चौधरी और हनुमान बेनीवाल निर्दलीय मैदान में थे।
चर्चा के बाद किया लोकसभा क्षेत्र का दौरा
बेनीवाल ने नागौर जिलाध्यक्ष और मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत, नागौर से कांग्रेस विधायक हरेंद्र मिर्धा, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, परबतसर विधायक रामनिवास गावडय़िा, नावां के पूर्व विधायक महेंद्र चौधरी के साथ नागौर लोकसभा क्षेत्र का दौरा करके चुनावी रणनीति पर मंथन किया। इस दौरे से पहले बेनीवाल ने महेंद्र चौधरी के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। जहां महेन्द्र चौधरी ने उनका मुंह मीठा करवाकर स्वागत किया था।
नागौर के कई कांग्रेस नेताओं से बेनीवाल के तल्ख रिश्ते
नागौर के कई कांग्रेस नेताओं के साथ हनुमान बेनीवाल के तल्ख रिश्ते रहे हैं। कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लडऩे के चलते इनके बीच सियासी लड़ाई रही है। चुनाव अभियान के दौरान बेनीवाल मिर्धा परिवार से लेकर कई नेताओं के खिलाफ तल्ख टिप्पणियां करते रहे थे। अब गठबंधन बाद पुरानी बातें भुलाकर साथ आने का मैसेज देने का प्रयास किया गया है।
कितना सपोर्ट यह तो परिणाम बताएगा
नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा के सामने उप चुनाव में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल चुनाव लड़ चुके हैं। उस चुनाव में भी खूब तल्ख बयानबाजी की थी। इसके अलावा महेंद्र चौधरी के उप मुख्य सचेतक रहते उनके भाई मोतीसिंह चौधरी पर हुए हत्या के मामले में बेनीवाल ने जयपुर कूच किया था। इस दौरान हुई सभा हनुमान बेनीवाल के सामने ही उनके समर्थकों ने महेन्द्र चौधरी के खिलाफ जमकर गाली-गलौच की थी। अब गठबंधन के बाद हनुमान बेनीवाल और महेंद्र चौधरी एक साथ नजर आ रहे हैै।
रिपोर्ट- हेमंत जोशी, कुचामनसिटी।
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