राजस्थान न्यूज: हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की भर्ती में एक महिला अभ्यर्थी को जन्मचिह्न (बर्थ मार्क) के आधार पर अयोग्य ठहराने के फैसले को अवैध करार दिया है।
जस्टिस समीर जैन की अदालत ने भर्ती बोर्ड के मेडिकल आदेशों को रद्द करते हुए चार सप्ताह में नियुक्ति देने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि मेडिकल बोर्ड का यह निर्णय बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण और तार्किक आधार के लिया गया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दरअसल, स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड ने 24 नवंबर 2023 को CAPF, एसएसएफ और असम राइफल्स में कांस्टेबल (जीडी) भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। 7 मार्च 2024 को लिखित परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें अभ्यर्थी सफल रही।
8 नवंबर 2024 को उसने फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया। लेकिन 9 नवंबर 2024 को CRPF कैंप अजमेर में हुए मेडिकल परीक्षण में उसकी पीठ पर जन्मचिह्न होने के कारण उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया।
इसके बाद 13 नवंबर 2024 को हुए रिव्यू मेडिकल में भी उसे अनफिट करार दिया गया।भर्ती नियमों के तहत जवाहरलाल नेहरू अस्पताल, अजमेर के एक स्वतंत्र चिकित्सक से राय ली गई, जिन्होंने स्पष्ट किया कि बर्थ मार्क गैर-संक्रामक और सामान्य है तथा इससे अभ्यर्थी की कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बावजूद इसके, मेडिकल बोर्ड ने इस राय को नजरअंदाज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के यह मान लिया कि गर्म और आर्द्र जलवायु में यह जन्मचिह्न जलन पैदा कर सकता है, जिससे ड्यूटी प्रभावित होगी।
अदालत ने यह भी गौर किया कि 2022 में बीएसएफ (BSF) की भर्ती में इसी अभ्यर्थी को फिट घोषित किया गया था। ऐसे में इस बार उसे अयोग्य ठहराना मनमाना और आधारहीन है। हाईकोर्ट ने भर्ती एजेंसी को चार सप्ताह के भीतर महिला अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का आदेश दिया।
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