Spotnow News: जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण ऑफिस के घूसखोर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत 6 अधिकारियों और 1 दलाल के फोन सीज कर लिए हैं। एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार कुल 8 फोन सीज किए गए हैं।
इन मोबाइल फोन को एसीबी एफएसएल को देगी। इससे पता चलेगा कि ये लोग किन-किन अधिकारियों के सम्पर्क में जुड़े थे। एफएसएल डिलीट हुए मैसेज को भी रिकवर करेगी। इसके साथ फाइलें, सेक्टर इंचार्ज का लैपटॉप और डाक पैड जब्त किए हैं।
जेडीए में दलाली का काम करने वाले कुछ लोग एसीबी की कार्रवाई के बाद अंडर ग्राउंड हो चुके हैं। एसीबी को कुछ अधिकारियों के बारे में जानकारी मिली है कि ये लोग खाली जमीन के फर्जी पट्टे बनाने से लेकर रिकॉर्ड में चढ़ाने का भी काम करते हैं। इसके बाद पट्टा धारक जेडीए और कोर्ट के चक्कर ही काटता रहता था। इन अधिकारियों और जोन की जानकारी एसीबी ने निकाल ली हैं। एसीबी इस तरह के जमीन के पट्टों को जारी करने वाले जिम्मेदारों से पूछताछ करेगी।
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क्या है मामला
भूमि कंवर्जन के काम को लेकर एक पीड़ित से सितंबर 2023 से रुपए की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर-9 के तहसीलदार, जेईएन, पटवारी, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने की गुजारिश की थी। इसके बाद भी रुपए की मांग कर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा के पति महेश (दलाल) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी थी। कई बार बात करने के बाद 1.50 लाख रुपए में डील तय हुई थी।
एसीबी ने 23 अगस्त की शाम करीब छह बजे जेडीए ऑफिस में कार्रवाई की थी। मौके से तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी, गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा को 1.50 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। महेश शर्मा (दलाल), पटवारी विमला मीणा का पति है। एसीबी को सभी कर्मचारियों और दलाल के घर से कोई बड़ी राशि,जमीनों के दस्तावेज या फिर बैंक अकाउंट की जानकारी नहीं मिली थी।
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आज पांच को कोर्ट में पेश किया जाएगा
तहसीलदार लक्ष्मीकांत, जेईएन खेमराज, पटवारी श्रीराम, गिरदावर रविकांत और दलाल महेश मीणा को आज एसीबी फिर से कोर्ट के सामने पेश करेगी। सम्भवतः आज सभी को जेल भेज दिया जाएगा। वहीं, दोनों महिला पहले ही जेल भेजी जा चुकी है। डीआईजी एसीबी डॉक्टर रवि ने बताया- तीन दिन हुई पूछताछ में दलाल महेश मीणा ने जेडीए पट्टे, कंवर्जन और 90 बी के लिए जिन्हें पैसा दिया। उनकी जानकारी एसीबी के सामने रख दी हैं।
दलाल से मिली जानकारी के बाद एसीबी पट्टा मालिकों से सम्पर्क में जुट गई हैं। इससे यह तय हो जाएगा की किस तरह से जेडीए के अधिकारी दलाल के माध्यम से रिश्वत का खेल खेला करते थे। वहीं, रिमांड के दौरान तहसीलदार लक्ष्मीकांत ने भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। तहसीलदार से मिली जानकारी के संबंध में एसीबी की अन्य टीम आज जेडीए मुख्यालय जा सकती है।
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अन्य लोग भी शिकायत लेकर पहुंचे
एसीबी से मिली जानकारी अनुसार, एसीबी के इस बड़े एक्शन के बाद कई लोग एसीबी मुख्यालय पहुंचकर अलग-अलग जोन के अधिकारियों, दलालों की शिकायत कर रहे हैं। इसमें अधिकांश शिकायत जेडीए के अधिकारियों की हैं। जो मौजूदा समय में सीट पर बैठे हुए हैं। शिकायतकर्ताओं ने एसीबी को इनकी रिकॉर्डिंग भी दी है। एसीबी के अधिकारियों ने पीड़ितों को सुनकर एक टीम को जांच करने के लिए लगा दिया हैं।