उम्मीदवारों का चयन लॉटरी के आधार पर किया जाएगा, जिसमें तीन गुना अधिक अभ्यर्थियों को चुना जाएगा। चयनित उम्मीदवारों को 2 महीने तक सफाई कार्य करके अपनी क्षमता साबित करनी होगी, जिसके लिए सरकार नियमानुसार भुगतान भी करेगी।
इस प्रक्रिया में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को 2 साल के प्रोबेशन पीरियड पर रखा जाएगा, जिसके बाद उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाएगी।
वाल्मीकि समाज ने किया था विरोध
इससे पहले, राजस्थान में 24,797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली गई थी, जिसके लिए अभ्यर्थियों को 4 से 24 मार्च तक आवेदन का समय दिया गया था। इस भर्ती के लिए 9,20,000 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर प्रदेशभर में सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया था। 23 जुलाई से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जो 5 अगस्त को समाप्त हुई।
सरकार ने 24 हजार से अधिक पदों पर निकाली गई भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर एक बार फिर नए सिरे से सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। इस बार, वाल्मीकि समाज की प्राइवेट कंपनी द्वारा जारी प्रमाण पत्रों को मान्यता देने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें—Spotnow News: रूपनगढ़ हत्याकांड मामले में 10 आरोपियों गिरफ्तार, 5 आरोपियों की तलाश जारी
सरकार ने मानीं मांगें
वाल्मीकि समाज ने सरकार से सफाई कर्मचारियों की भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने प्राइवेट कंपनियों द्वारा जारी सर्टिफिकेट को मान्यता न देने की भी अपील की थी। सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए अब नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषद में 1 साल का काम कर चुके कर्मचारियों को ही भर्ती के लिए योग्य माना है। इस संबंध में सर्टिफिकेट केवल इन विभागों में कार्यरत अधिकारियों द्वारा ही जारी किया जाएगा।
[…] […]