Friday, November 1, 2024
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Spotnow news: राजस्थान के बड़े शहरों मे रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल: जानें क्या हैं मांगें

Spotnow news: राजस्थान के विभिन्न शहरों में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है जिससे स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर संकट में पड़ गई हैं। जयपुर के SMS हॉस्पिटल में 100 से अधिक सर्जरी टल गई हैं वहीं।

उदयपुर अजमेर बीकानेर और जोधपुर के अस्पतालों में भी ऑपरेशन प्रभावित हुए हैं। डॉक्टरों ने सुरक्षा और अन्य मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है।

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जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) हॉस्पिटल में 100 से अधिक सर्जरी टाल दी गई हैं। जबकि सरकारी हॉस्पिटल के बाहर मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हड़ताल के कारण ओपीडी, इमरजेंसी, आईपीडी, ओटी और लेबर रूम जैसी आवश्यक सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने इस स्थिति को देखते हुए कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखकर हड़ताल पर जाने वाले पीजी रेजिडेंट्स के लाइसेंस को निरस्त करने की मांग की है।

सीनियर डॉक्टर्स का हड़ताल को समर्थन नहीं

इस बार सीनियर डॉक्टर्स ने जूनियर रेजिडेंट्स की हड़ताल का समर्थन नहीं किया है। जो कि स्थिति को और जटिल बना रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स स्टाइपेंड और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर तीसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। सोमवार को इस हड़ताल का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। जिससे मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

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डॉक्टर्स की सरकार से मांगों-

स्टाइपेंड में वृद्धि: स्टूडेंट्स को मिल रहे स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाए और हर साल निश्चित दर से इसमें वृद्धि की जाए।

सीधी भर्ती: पीजी और सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों की योग्यता के आधार पर विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती की जाए।

सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचा: हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को पूर्व में हुए समझौतों के अनुसार मजबूत किया जाए।

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हॉस्टल सुविधाएं: हॉस्टल की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए ताकि छात्रों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मिले।

बॉंड नीति में संशोधन: वर्तमान अनिवार्य बॉंड नीति में संशोधन किया जाए ताकि इसे अधिक न्यायसंगत और व्यावहारिक बनाया जा सके।

राजस्थान के इन जगहों पर चल रही हैं हड़ताल-

उदयपुर में हड़ताल:
उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े 6 अस्पतालों के 558 रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण एमबी, जनाना, अंबामाता जिला अस्पताल और हिरणमगरी सैटेलाइट अस्पताल में सोमवार को 100 से अधिक ऑपरेशन टालने पड़े हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि वार्डों में मरीजों का ध्यान अब नर्सिंग स्टाफ के जिम्मे है। हालात को संभालने के लिए आरएनटी के 260 सीनियर डॉक्टरों और 40 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी की जिम्मेदारियां संभाली हैं।

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अजमेर में हड़ताल:
JLN हॉस्पिटल में हड़ताल का असर देखा जा रहा है। अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे के अनुसार 628 रेजिडेंट डॉक्टर्स में से अधिकांश हड़ताल पर हैं। यहां रोजाना लगभग 4000 ओपीडी होती है जिसमें 60 मेजर और 10 माइनर ऑपरेशन होते हैं। अभी तक कोई ऑपरेशन टाला नहीं गया लेकिन इमरजेंसी और ओपीडी में सीनियर रेजिडेंट्स को तैनात किया गया है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए 35 अतिरिक्त डॉक्टर्स की मांग की गई है।

अजमेर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलराज मीना ने बताया कि सरकार से हुई पूर्व वार्ता में उनकी मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक कुछ भी पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल कागजी कार्रवाई कर रही है। डॉ. मीना ने स्पष्ट किया कि उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं।

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जोधपुर की हड़ताल:
जोधपुर के मथुरादास माथुर, महात्मा गांधी, उम्मेद और टीबी हॉस्पिटल के 550 रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी हड़ताल का निर्णय लिया है। पहले दिन व्यवस्थाएं सामान्य बनी रही हैं, लेकिन आने वाले दिनों में रूटीन डॉक्टर्स के टाइमिंग में बदलाव की तैयारी की जा रही है।
बीकानेर हड़ताल:
बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में 550 रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत याव ने बताया कि उनकी पहले की मांगों पर केवल आश्वासन मिला है, जिसके चलते सभी डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है।

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बीकानेर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगें:

हॉस्पिटल परिसर में चौबीस घंटे गार्ड की व्यवस्था।
सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी।
नाइट ड्यूटी के लिए ऑन कॉल शटल सुविधा।
हॉस्टल में सीसीटीवी की जरूरत।
हॉस्टल की जर्जर स्थिति का सुधार।

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