Spotnow news: जोधपुर के प्रसिद्ध संगीतज्ञ और कला जगत के असीमित धरोहर गोविंद कल्ला का 86 वर्ष की आयु में मंगलवार रात 11 बजे निधन हो गया।
उनका अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। कल्ला को ‘गीत, संगीत और परंपराओं का ऐन्साइक्लोपीडिया’ कहा जाता था। और वे गवंर के गीत, मांड गायकी, हिरणी, सोरठे और विरह गीतों के विशेषज्ञ थे। उनके योगदान के लिए उन्हें कई बार प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें राष्ट्रपति पुरस्कार और ‘मारवाड़ रत्न’ शामिल थे।
यह भी पढ़ें:-राजस्थान न्यूज: IPL 2025 के कप्तान घोषित, जानिए कौन से खिलाड़ी करेंगे कप्तानी
कला जगत में शोक की लहर
कल्ला के निधन से जोधपुर और पूरे कला जगत में शोक की लहर है। राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने ट्वीट करके उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। वे जोधपुर के प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक थे, जिनका प्रभाव न केवल संगीत और साहित्य में था, बल्कि कला के हर क्षेत्र में उनकी गहरी पैठ थी।
गोविंद कल्ला ने एमएड, डबल एमए, आरडी ऑनर्स और आईजीडी की शिक्षा प्राप्त की थी। इसके अतिरिक्त उन्हें संगीत प्रभाकर और साहित्य रत्न जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके थे। भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनकी खास पहचान थी, और उन्हें तानसेन के गुरु, बाबा हरिदासजी डागर घराने से जुड़े पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे। इसके अलावा वे राजस्थानी भाषा के कवि, गीतकार, संगीत निर्देशक, और चित्रकार के रूप में भी प्रसिद्ध थे।
यह भी पढ़ें:-राजस्थान न्यूज़: 4th फ्लोर से कूदा 11वीं कक्षा का छात्र, डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
दूरदर्शन पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के साथ-साथ, कल्ला ने विभिन्न रंगमंचों पर भी प्रदर्शन किए। उनके मार्गदर्शन में कई शोधार्थियों ने संगीत और गायकी की बारीकियों को समझा। वे राजकीय सेवा में भी सक्रिय रहे और तीन बार जिला कलक्टर से सम्मानित हो चुके थे।
कल्ला एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। उन्होंने फिल्मों में कला निर्देशन और लाइट एवं साउंड तकनीकी के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया। इसके अलावा वे कई समाचार पत्रों में राजस्थानी और हिंदी में कॉलम लिखते थे और रंगमंच पर भी सक्रिय रहे। वे मांड शोध संस्थान के चेयरमेन और जागरूक युवा फोर्स के संरक्षक थे।
यह भी पढ़ें:-राजस्थान न्यूज़: लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने लिया बादशाह के क्लब के बाहर बम धमाके का जिम्मा
कल्ला का योगदान न केवल जोधपुर बल्कि पूरे राजस्थान और देशभर में कला और संस्कृति के क्षेत्र में अनमोल रहेगा।