Friday, November 15, 2024
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Spotnow news: संत बोले- क्या सरकार साधुओं की बलि लेना चाहती है

Spotnow news: गंदे पानी की समस्या को लेकर संतों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के डीग जिले के बरौली धाऊ गांव में आगामी शनिवार को ब्रज की प्रसिद्ध चौरासी कोस परिक्रमा में 10,000 साधु-संतों का दल रमेश बाबा के नेतृत्व में इस गांव से गुजरेगा लेकिन रास्तों पर घुटनों तक भरा गंदा पानी यात्रा के मार्ग में बड़ी रुकावट बन सकता है।

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इस पर संत धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते रास्ते को साफ नहीं किया गया तो इससे बड़े आंदोलन की संभावना बन सकती है, जिसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने कहा कि बरौली धाऊ मेरी जन्मस्थली है और यह गांव चौरासी कोस परिक्रमा के रास्ते में पड़ता है। दो साल से यहां की सड़कों पर गंदा पानी जमा है, जिससे साधुओं के लिए यात्रा करना मुश्किल हो गया है। हमने कई बार प्रशासन से शिकायत की है। लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

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संतों का कहना है कि पिछले साल भी गंदे पानी से होकर साधु संतों को यात्रा करनी पड़ी थी और अगर इस साल भी स्थिति सुधारी नहीं गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

बाबा ने यह भी चेतावनी दी कि अगर रास्ते की स्थिति नहीं बदली तो यह आंदोलन इतना बड़ा हो सकता है कि साधु संतों की मौत तक हो सकती है। क्या सरकार साधुओं की बलि लेना चाहती है? धर्मशरण बाबा ने यह सवाल उठाया और आगे कहा कि अगर ऐसा हुआ तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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बरौली धाऊ के सरपंच प्रतिनिधि नंदन सिंह गुर्जर ने बताया कि गांव के रास्तों पर जमा गंदा पानी यात्रा मार्ग पर इकठ्ठा हो जाता है। जिसके कारण जल निकासी में समस्या उत्पन्न हो रही है। वे कहते हैं, हमने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब शनिवार को 84 कोस की परिक्रमा यात्रा इस रास्ते से गुजरने वाली है और अगर स्थिति यही रही तो साधुओं को गंदे पानी में से होकर गुजरना पड़ेगा।

डीग के एसडीएम दिनेश शर्मा ने इस मामले में आश्वासन दिया है कि यात्रा बिना किसी व्यवधान के निकलेगी। उन्होंने कहा कि- कलेक्टर अमित यादव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। हमारी कोशिश है कि यात्रा में कोई भी रुकावट न आए।

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गांव में जलभराव की स्थिति पिछले अगस्त महीने से बनी हुई है और इस बार भी यही समस्या बनी हुई है। गांव की सड़कों पर नालियों का गंदा पानी जमा होने से इलाके में अव्यवस्था फैल चुकी है।

धर्मशरण ब्रजवासी बाबा का संघर्ष

धर्मशरण ब्रजवासी बाबा जो कि राधा मुरली मनोहर महाराज मंदिर के महंत हैं, ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से गोरक्षा के काम में जुटे हैं और दिव्यांग होने के बावजूद समाज सेवा में सक्रिय हैं। वे कहते है अगर सरकार ने स्थिति पर ध्यान नहीं दिया, तो मुझे आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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अवैध खनन के खिलाफ बाबा विजयदास ने किया था आत्मदाह

संत बाबा विजय दास जो साधु-संतों के साथ 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे। जिन्होंने राजस्थान में भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में 18 जुलाई 2022 को खुद को आग लगा ली थी। बाबा के अंतिम समय में राधे-राधे नाम लिया। गंभीर रूप से जलने के कारण 23 जुलाई को बाबा का निधन हो गया था।

गुरुवार को धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने बाबा विजयदास के आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि अगर इस गंदगी की समस्या का हल नहीं हुआ तो फिर आंदोलन किया जाएगा।

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इस बार की 84 कोस की परिक्रमा यात्रा में शामिल साधु संतों ने कई महत्वपूर्ण स्थानों का दर्शन किया है। जैसे कि गोविंद कुंड, राधा कुंड, नारद कुंड और अन्य धार्मिक स्थल। रमेश बाबा के नेतृत्व में चल रही इस यात्रा के दौरान संत संकीर्तन करते हुए यात्रा के विभिन्न स्थानों पर स्नान भी कर चुके हैं।

धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर अगले 24 घंटे के भीतर रास्ता साफ नहीं हुआ तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। हमारी अंतिम चेतावनी है अगर रास्ता साफ नहीं किया गया तो एक बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। सरकार को इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।

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