Spotnow news: राजस्थान सरकार में जयपुर की हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कुचामन दौरे के दौरान एक बड़ा बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि सनातनी लोग अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग सिर्फ जनसंख्या बढ़ाने में ध्यान दे रहे हैं।
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बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि जो भी सनातन संस्कृति का अपमान करता है या देवी-देवताओं का अपमान करता है। उसे भारत से बाहर निकाल देना चाहिए, चाहे वह किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हो या फिर देश को बांटने वाला कोई आतंकवादी हो। ऐसे लोगों के साथ वही सलूक किया जाना चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।
विधायक बोले कि मुझे मुंबई में धमकी दी गई कि जिंदा आकर बताऊं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं कल भी वहां रहूंगा परसों भी वहां प्रचार के दौरान रहूंगा। अगर किसी में दम हो तो हाथ लगा कर दिखा देना। वैसे तो किसी की औकात नहीं है मुझे मारने की लेकिन भविष्य का किसी को पता नहीं है। अगर बालमुकुंदाचार्य कभी नहीं रहा तो मेरे जैसे और भी सैकड़ो खड़े हो जाएंगे और ऐसे ही सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाते रहेंगे।
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बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि- हमारे देश में कई आक्रमणकारी आए- यमन, मुग़ल, अंग्रेज जो भारत को लूटने की कोशिशें करते रहे, लेकिन भारतीय संस्कृति हमेशा जीवित रही और आज पूरी दुनिया में भारत की जयजयकार हो रही है।
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विधायक ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में कहा कि- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु के रूप में पुनः उभरा है और यही हमारी असली ताकत है। राजस्थान और भारत दोनों विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
देवी-देवताओं का अपमान करने वाला विधर्मी है
बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि एक तरफ तो सनातनी लोग है। जो मेहनत कर भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रहे हैं। और दूसरी तरफ कोई अन्य समाज के लोग हैं, जो बस अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगे है। अगर कोई हमें या हमारे देवी-देवताओं का अपमान करता है। तो वह हमारे लिए विधर्मी है। भारत की संस्कृति और सनातन परंपराओं को बचाने के लिए हम सबको एकजुट होना होगा।
बालमुकुंदाचार्य ने संकल्प लिया कि वे सनातन संस्कृति और भारतीय परंपराओं के प्रचार-प्रसार में लगातार कार्य करते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी स्तर की चुनौती का सामना क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा मेरे लिए सनातन धर्म सर्वोपरि है।
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बच्चों को शास्त्र और शास्त्र की शिक्षा
उन्होंने भारत में सनातन धर्म के लिए बच्चों को शास्त्र और शास्त्र दोनों की शिक्षा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बालमुकुंदाचार्य ने कहा आज के समय में हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और शिक्षाओं को बचाने के लिए सच्ची मेहनत करनी होगी। हमारी शिक्षा प्रणाली में पुरानी परंपराओं का समावेश और युवा पीढ़ी को सही दिशा देने की जरूरत है।
आचार्य ने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति में भेदभाव की कोई जगह नहीं है। हम सभी सनातनी हैं, चाहे हम किसी भी जाति या धर्म के हों हम सब एक हैं, ‘अगर बाटोगे तो काटोगे’। भारत में विभाजन फैलाने वाले लोग हमारी संस्कृति और एकता को कमजोर करना चाहते हैं, लेकिन हमें उनके खिलाफ खड़ा होना है।
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अगर सनातनी लोग एकजुट नहीं हुए, तो खतरा और बढ़ेगा
अंत में उन्होंने एक चेतावनी दी कि अगर सनातनी के लोग एकजुट नहीं हुए, तो आने वाले समय में यह खतरा बढ़ सकता है। हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। अगर हम आज से यह जिम्मेदारी नहीं उठाते, तो हमारे बच्चों को आने वाले दिनों में यह सवाल करना पड़ेगा कि हम उन्हें क्या विरासत में छोड़कर गए थे?
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