राजस्थान न्यूज़: बालोतरा के पास पचपदरा रिफाइनरी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तीखे बयानबाजी से यह प्रोजेक्ट सियासी बहस का मुख्य केंद्र बन गया है।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बयान
रिफाइनरी का काम अक्टूबर 2022 में पूरा होना था लेकिन कांग्रेस सरकार के ढुलमुल तरीकों के कारण 2023 के अंत तक तीन-चौथाई काम भी पूरा नहीं हो सका। हमने पिछले एक साल में 13500 करोड़ रुपए व्यय कर रिफाइनरी का 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा कर लिया है। मैंने आज ही 3 से 4 महीने में रिफाइनरी में कच्चे तेल की रिफाइनिंग का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
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कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी के साथ इसके आस-पास औद्योगिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए भी कोई पहल नहीं की। हमारी सरकार रिफाइनरी के पास रीको के तरफ़ से प्लग एंड प्ले आधारित व्यवस्था स्थापित कर रही है, ताकि उद्यमियों द्वारा शुरुआती दौर में बिना अधिक पूंजी लगाए उद्योग शुरू किए जा सकें।
इस अनूठे प्रयास से रिफाइनरी के पास बड़ी संख्या में लोगो को रोजगार मिलेगा तथा पेट्रो जोन में तत्काल औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हो सकेंगी।
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हमारी सरकार जुमलेबाजी में समय खराब करने की जगह सीधे एक्शन पर ध्यान देती है और इसी कारण लंबे समय से प्रतीक्षित रिफाइनरी शीघ्र शुरू होने जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान
मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि देखिए एक साल बर्बाद और कर दिया, इनको चाहिए था सरकार बनते ही, रिफाइनरी का जब मैं गया था वहां पर रिव्यू करने के लिए तब वादा किया था कि हम 31 दिसंबर 24 तक पूरा कर देंगे, अब ये कह रहे हैं एक महीना दो महीना, अच्छी बात है अगर आ जाए एक दो महीने के अंदर तो हमें खुशी होगी क्योंकि पांच साल तो बर्बाद कर दिए पहले इन्होने।
जब शिलान्यास हमनें करवाया था 2013 के अंदर फिर पांच साल इस पर काम नहीं हुआ। इसकी जो लागत थी लगभग 40 हजार करोड़ की वो लगभग 70 हजार करोड़ की हो गई।
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असली ध्यान पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और औद्योगिक विकास पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, “रिफाइनरी का तेल तो देशभर में जाएगा, लेकिन रिफाइनरी के साथ-साथ आधुनिक तकनीक आधारित पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स को विकसित करना मुख्य काम है। यह रोजगार और राज्य के औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को बड़ौदा और अन्य पेट्रोकेमिकल हब से सीख लेनी चाहिए। “सरकार को उद्योगपतियों और युवाओं को प्रशिक्षित करना चाहिए, उन्हें तकनीकी जानकारी और लोन की सुविधा देनी चाहिए, ताकि छोटे और बड़े उद्योग स्थापित हो सकें। यह तभी संभव होगा जब पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर ध्यान दिया जाएगा,” गहलोत ने कहा।
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