राजस्थान न्यूज़: 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने के प्रस्ताव को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 सत्र से मंजूरी दे दी है।
नई प्रणाली के तहत, पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई के बीच होगा। परीक्षा शुल्क दोनों परीक्षाओं के लिए एक साथ जमा करना होगा।
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इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को अधिक अवसर देना और परीक्षा के दबाव को कम करना है।
स्टूडेंट्स को तीन विकल्प मिलेंगे। वे चाहें तो साल में सिर्फ एक बार परीक्षा दे सकते हैं, दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं, या किसी विषय में अच्छा प्रदर्शन न होने पर उसे दोबारा देने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
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यदि कोई छात्र दोनों परीक्षाएं देता है, तो उसके बेहतर स्कोर को फाइनल माना जाएगा। इस नई व्यवस्था के कारण कंपार्टमेंट या सप्लीमेंट्री परीक्षाओं की जरूरत नहीं होगी, जिससे छात्रों को अतिरिक्त मौके मिलेंगे।
परीक्षा प्रणाली में यह बदलाव छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है। परीक्षाओं की अवधि कम की जाएगी, ताकि रिजल्ट समय पर घोषित हो सकें। इसके अलावा, स्टूडेंट्स को सभी विषयों की परीक्षा दोबारा देने की जरूरत नहीं होगी, वे सिर्फ उन विषयों में परीक्षा दे सकेंगे जिनमें वे अपने नंबर सुधारना चाहते हैं।
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शुरुआत में यह प्रणाली केवल 10वीं के लिए लागू की जाएगी। 12वीं कक्षा के लिए इसे बाद में शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार 2026-27 से विदेशी स्कूलों में भी CBSE का सिलेबस शुरू करने की योजना बना रही है। शिक्षा मंत्रालय ने CBSE को इसका विस्तृत प्लान तैयार करने को कहा है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक मौके देना और परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाना है।
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