राजस्थान न्यूज: केंद्र सरकार ने बुधवार को जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया है। यह जनगणना अब मुख्य जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा होगी, जिसे सितंबर 2025 से शुरू किया जा सकता है।
पूरी प्रक्रिया में करीब दो साल का समय लगेगा और अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में सामने आएंगे। 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोरोना महामारी के चलते स्थगित हो गई थी।
कैबिनेट बैठक में दो अन्य बड़े फैसले भी लिए गए-
पहला, शिलॉन्ग से सिलचर (मेघालय-असम) के बीच 166 किमी लंबा, 6 लेन का हाई स्पीड कॉरिडोर बनाया जाएगा जिस पर 22,864 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
दूसरा, वर्ष 2025-26 के लिए गन्ने की न्यूनतम कीमत 355 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है, इससे कम पर गन्ना नहीं खरीदा जा सकेगा। जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस, RJD, SP, BSP, BJD और NCP पहले से समर्थन में रही हैं, जबकि TMC का रुख अब तक स्पष्ट नहीं है।
भाजपा शुरू में इसके विरोध में थी लेकिन बिहार में पार्टी की सरकार ने इसका समर्थन किया था और अक्टूबर 2023 में आंकड़े जारी किए थे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया और इसे केवल राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया। वैष्णव के मुताबिक, पारदर्शिता और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि जाति आधारित जानकारी सीधे सरकारी जनगणना का हिस्सा बने।
नागौर के युवक 2 लाख में बेच रहे थे 10 लाख के नकली नोट
राजस्थान न्यूज: सरकारी अधिकारी पर महिला अधिकारी के अपहरण का आरोप
राजस्थान न्यूज: नशे में महिला ने कार से मारी टक्कर, पिता के साथ जा रही बच्ची की मौत