राजस्थान न्यूज: मुफ्त बिजली देने की व्यवस्था को पीएम सूर्यघर योजना से जोड़ते हुए नया फॉर्मूला तैयार किया गया है लेकिन इसे लागू करना ऊर्जा विभाग के लिए चुनौती बन गया है। केंद्र की गाइडलाइन में बदलाव के चलते अफसरों की रणनीति गड़बड़ा गई है और अब सब कुछ नए सिरे से सोचना पड़ रहा है।
27 मार्च को राज्य सरकार ने योजना का फॉर्मूला जारी किया था जिसके तहत मार्च 2028 तक तीन चरणों में करीब 1.04 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को योजना से जोड़ा जाएगा। योजना में हर उपभोक्ता के घर 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाने का प्रावधान है
जिसकी कीमत करीब 50 हजार रुपए मानी गई है। इसमें केंद्र सरकार 33 हजार और राज्य सरकार 17 हजार रुपए सब्सिडी देगी। इससे हर महीने 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। जो उपभोक्ता योजना में पंजीकृत नहीं हैं लेकिन सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं उन्हें बिजली दर में 5 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी।
बिजली कंपनियों द्वारा पहले बनाई गई गाइडलाइन में संशोधन के निर्देश मिलते ही अफसरों को नई गाइडलाइन तैयार करनी पड़ रही है। योजना के तहत एनर्जी बैटरी स्टोरेज सिस्टम और अतिरिक्त क्षमता जोड़ने का भी प्रस्ताव है। वित्त विभाग को संशोधित ड्राफ्ट भेजा जा चुका है।
वर्तमान में राज्य सरकार 6200 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली दे रही है लेकिन नई योजना से इस पर नियंत्रण की उम्मीद है।
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