राजस्थान न्यूज़: विधानसभा में कोचिंग संस्थानों में काउंसलर नियुक्त करने के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ।
कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने इस विषय पर सरकार से सवाल पूछे, जिसके दौरान सदन में तीखी बहस देखने को मिली।
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शांति धारीवाल ने जब कोचिंग सेंटरों में काउंसलर की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया, तो उनका भाषण लंबा होता गया। इस पर स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वे केवल सवाल पूछें, भाषण न दें। इस बीच भाजपा विधायकों और धारीवाल के बीच तीखी बहस हो गई। नेता प्रतिपक्ष ने इस दौरान सरकार पर सदन में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया।
सरकार पर सवाल, कोचिंग सेंटरों की निगरानी क्यों नहीं?
धारीवाल ने सरकार से पूछा कि केंद्र की गाइडलाइंस के बावजूद कोचिंग संस्थानों में काउंसलर की नियुक्ति नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि कोचिंग सेंटर्स में जाकर निरीक्षण क्यों नहीं किया गया कि वहां काउंसलर हैं या नहीं।
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बिल लाने की तैयारी में सरकार
इस पर स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया कि जयपुर, जोधपुर और कोटासमेत कई स्थानों पर काउंसलर तैनात किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल्द ही कोचिंग सेंटर्स को नियमित करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी।
जब तक यह विधेयक पास नहीं होता, तब तक सरकार के पास कानूनी रूप से कोचिंग सेंटरों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार जबरन कोई कार्रवाई नहीं कर सकती, लेकिन कानून बनते ही सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
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क्या बदल सकता है?
राज्य सरकार के प्रस्तावित विधेयक के बाद कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं अनिवार्य हो सकती हैं। इससे छात्रों की काउंसलिंग सुनिश्चित होगी और शिक्षा प्रणाली में सुधार की उम्मीद की जा रही है।