जम्मू-कश्मीर: रविवार का सवेरा भारी तबाही लेकर आया, जहां बादल फटने से बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ। इस आपदा ने अपने रास्ते में आए घरों, होटलों और गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा रहा है।
इस तबाही से सबसे ज़्यादा प्रभावित जिला रामबन रहा। यहां चेनाब नदी के पास स्थित गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। धर्मकुंड गांव में भूस्खलन ने 10 से ज्यादा घरों को मिटा दिया। 30 से ज्यादा घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत अब तक 100-120 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, और अभी भी लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
जिले में इस तबाही की शुरुआत रात भर हुई भीषण बारिश, आंधी और तूफान से हुई। सुबह बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे पहाड़ों में भूस्खलन हुआ जो गांव की ओर बढ़ गया। रास्ते में बच्चों के स्कूल, सैकड़ों गाड़ियां, घर, होटल, पुलिस स्टेशन और दुकानें मलबे के नीचे दब गईं।
यह मलबा हाईवे पर भी आ गिरा, जिससे रामबन जिले में किश्तवाड़-पद्दर मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। ट्रक, पेट्रोल टैंकर आदि सब फंस गए। जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है।
रामबन जिले के बनिहाल नगर में एक पूरा गांव बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आ गया। गाड़ियां मलबे में दब गईं और मलबा घरों के अंदर तक घुस गया।
जम्मू-कश्मीर के अन्य जिलों में भी कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। उधमपुर जिले में आई आंधी और बारिश से कई पेड़ उखड़ गए, जिससे रास्ते बंद हो गए। प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाल रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में तबाही की GIF (देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें)
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस आपदा की घड़ी में प्रशासन की टीमों की सराहना की है और अपनी निजी गाड़ियों से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। वे लगातार प्रशासन से स्थिति की जानकारी ले रहे हैं।
“प्रशासन की अपील है कि हाईवे पर सफर करने से बचें। मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा करें। सुरक्षित स्थान पर पहुँचें और रेस्क्यू टीम का इंतजार करें।”
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला-
रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बेहद दुखी हूं, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। हम स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं, ताकि जहां भी जरूरत हो, तत्काल बचाव कार्य सुनिश्चित किया जा सके। आज बाद में, मैं बहाली, राहत और मरम्मत योजनाओं की समीक्षा करूंगा। फिलहाल, जमीनी स्तर पर स्थिति को संभालने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें और संवेदनशील क्षेत्रों में अनावश्यक आवाजाही से बचें।
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