Spotnow News: जयपुर. गहलोत सरकार के समय बने नए जिलों को लेकर वापस मंथन हो चुका है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में नवगठित जिलों की संख्या घट सकती है।
इस रिपोर्ट में कांग्रेस राज में बने जिलों में फेरबदल करने या उन्हें मर्ज करने से लेकर जिले को खत्म करने से जुड़ी सिफारिश पेश की गयी थी। सूत्रो के अनुसार कुछ नए जिले मापदंडों में खरे नही उतर पाए है।
मापदंडों के आनुसार कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, खैरथल तिजारा, केकड़ी, दूदू, अनूपगढ़, सांचौर, गंगापुरसिटी, सलूम्बर, फलौदी और शाहपुरा जिले पर संकट के बादल छाए हुए है।
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पंवार कमेटी अपनी सिफारिशों के साथ डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी गयी। कैबिनेट सब कमेटी रिपोर्ट के आधार पर अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार की गयी है। सूत्रों के अनुसार कुछ जिले मापदंडो में खरे नही उतरे है।
कई इलाकों से नए जिलों की मांग
कमेटी के पास नए जिलों की मांग के लिए खूब ज्ञापन आये हैं। इनमें प्रदेश के 13 शहरों सहित हर जिले से नए जिलों की मांग की गयी है। इसके अलावा गहलोत सरकार के छोटे जिले खत्म करवाने की मांग को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा कुछ नए जिलों में भी कुछ परिवर्तन संभव है। जिसमें डीडवाना – कुचामन जिले में भी बदलाव कर कुचामन को जिला मुख्यालय बनाया जा सकता है।
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