SPOTNOW @ JAIPUR. Rajasthan news: प्रदेश में भाजपा की भजनलाल सरकार ने लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 7 राजनीतिक नियुक्तियां की हैं।
सरकार ने आचार संहिता लागू होने से महज कुछ देर पहले बोर्ड, आयोग और निगमों में सात नेताओं को अध्यक्ष बनाया है। राजनीतिक रूप से यह अहम कदम उठाया गया है। किसान आयोग, देवनारायण बोर्ड, एससी वित्त निगम, सैनिक कल्याण समिति में बीजेपी नेताओं को अध्यक्ष बनाया है। अब इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा अलग से देने के आदेश जारी होंगे।
PM Modi: PM Modi ने की मेरा भारत, मेरा परिवार अभियान की शुरुआत की
Rajasthan news: नागौर से पूर्व सांसद और आरपीएसई के सदस्य रहे सी.आर. चौधरी को राजस्थान किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया है। रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। ओमप्रकाश भडाना को देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष बनाया है। जोधपुर से पूर्व बीजेपी सांसद जसवंत विश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी गई है। प्रहलाद टाक को यादे माटी कला बोर्ड अध्यक्ष बनाया है। पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति में अध्यक्ष नियुक्त किया है। राजेंद्र नायक को राजस्थान राज्य एससी वित्त निगम अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। राजेंद्र एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं।
Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: Rajasthan में दो चरणों में हुए थे 2019 के लोकसभा चुनाव
नियुक्तियों से बड़े वोट बैंक को साधने का प्रयास
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक नियुक्तियां देकर बीजेपी सरकार ने बड़े वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। जाट, राजपूत, विश्नोई, गुर्जर, एससी, मूल ओबीसी को साधा गया है। किसान आयोग अध्यक्ष पद पर सी. आर. चौधरी को नियुक्ति देकर जाट वर्ग को मैसेज देने का प्रयास किया है। देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष बनाकर गुर्जर समाज को साधने का प्रयास किया है।
विश्नोई नाराज थे, नियुक्ति देकर मनाया
जोधपुर से पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई भाजपा से नाराज थे। उन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पोस्ट करके इशारों में ही नाराजगी जाहिर की थी। पश्चिमी राजस्थान में प्रभावशाली विश्नोई समाज से आने वाले जसवंत विश्नोई को राजनीतिक नियुक्ति देकर सियासी मैसेज देने के साथ उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है।
बाजौर की नियुक्ति से राजपूत समाज को साधा
सैनिक कल्याण समिति में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को नियुक्ति देकर राजपूत समाज को साधने का प्रयास किया है। बाजौर की शहीद सैनिक परिवारों में भी अच्छी छवि है। जिसका फायदा भाजपा उठा सकती है।