Nagaur drugs News: कुचामनसिटी. ड्रग्स समेत अन्य नशे के लिए नागौर और नवीन जिला डीडवाना-कुचामन बड़ा हब बन गया है। कुचामन को यूं तो शिक्षा नगरी कहा जाता है लेकिन पिछले 5 सालों में बढती बेरोजगारी से यहां युवा अब नशे के दलदल में फंसने लगे है। अब युवा खतरनाक ड्रग्स व एमडी के नशे का आदी होने लगा है।
spotnow मीडिया टीम ने 5 दिन तक नशे के इस कारोबार की तह तक पहुंच कर जानकारी जुटाई है।
कुचामन शहर में कई जगहों पर ड्रग्स, एमडी, गांजे और अफीम के ठिकाने बना रखें है। इसमें कुचामन शहरी क्षेत्र समेत बाईपास के कई ढाबे व चाय की थडियों पर खुलेआम नशे का सेवन किया जाता है। कई युवा एमडी के पाउडर को ब्रांडेड पान मसाला में मिलाकर इसका सेवन कार रहे हैं तो कई युवा इंजेक्शन की मदद से अपने खून में इंजेक्ट कर रहे है। ख़ास बात यह भी है कि युवा इसके लिए प्रतिदिन हजारों रूपये भी खर्च कर रहे है।
शराब नहीं अब सुखा नशा बन रहा है युवाओं की पहली पसंद
Nagaur drugs News: नशे का यह कारोबार शिक्षा नगरी कुचामन और मकराना में फ़ैल गया है। सैंकड़ो युवा तो इनकी लत के शिकार हो गए है। शहर के युवाओं के खून में एमडी यानी एमडीएमए शामिल हो रहा है। फिल्मी दुनिया से चर्चाओं में आया यह ड्रग्स कुचामन और मकराना में मुख्य रूप से नागौर, जोधपुर, जयपुर से पहुंच रहा है। एमडी का एक ग्राम का पाउच हजार से पंद्रह सौ रूपये में बेचा जा रहा है। ड्रग्स बेचने वाले युवाओं की लग्जरी लाइफस्टाइल देखकर दूसरे युवा भी इनकी तरफ आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। ख़ास बात यह भी है कि यह लोग टेक्नोफ्रेंडली है। ड्रग्स बेचने वाले अधिकांश तौर पर व्हाट्सअप कॉलिंग पर ही बात करते हैं।
घर वालों के नहीं आते पकड़ में—
युवाओं में ड्रग्स और स्मैक का चलन बढ़ने के पीछे मुख्य कारण यह है कि एमडी और स्मैक सहित ड्रग्स के नशे में ना तो पैर लडखडाते हैं और ना ही इसकी शराब की तरह मुंह से बदबू आती है। जिससे युवा ड्रग्स के नशे में फंस रहे है। ऐसे में प्राथमिक तो युवाओं के परिजनों को पता ही नहीं चलता। यह नशा सीधे मस्तिष्क पर होता है, जिससे सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। हालाकि यह नशा युवाओं के लिए महंगा जरुर है, लेकिन फिर भी युवा ड्रग्स के नशे के दलदल में धंस रहे है।
क्षेत्र में फ़ैल रहे सफ़ेद नशे के इस काले कारोबार की गहराई में जाने का प्रयास किया, तो कई चौकाने वाली जानकारियां सामने आई। कुचामन शिक्षा नगरी है और यहां कई युवा अपना भविष्य बनाने के लिए गाँवों से आकर रह रहे हैं। कुचामन शहर में मुख्य रूप से करीब 10-15 लोग इस नशे का कारोबार कर रहे हैं। अकेले कुचामन शहर में प्रतिदिन करीब 3-4 लाख रुपए की एमडी बिक रही है। इसके अलावा मकराना में भी बड़ी मात्रा इसकी सप्लाई होती है। युवा चुनिदा ठिकानों एवं होटलों पर इसकी बिक्री करते हैं।
क्या कहते है विशेषज्ञ चिकित्सक—-
कुचामन के राजकीय चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेन्द्र कुमार ने बताया की कुचामन में अब तक 100 से ज्यादा युवा स्मैक, 10 से ज्यादा युवा एमडी का नशा करने वाले नशा छुड़ाने के लिए आ चुके है। यह नशा अधिक मात्रा में सेवन करने पर जानलेवा भी हो सकता है। हालाँकि नशे के आदी युवाओं को उपचार की मदद से नशा छुड़ाया जा सकता है।
पुलिस कार्रवाई में जब्त किए गए है नशीले पदार्थ –
जनवरी से अब तक हुई कार्रवाई में डीडवाना कुचामन सहित पूरे नागौर में करीब आठ करोड़ से अधिक के मादक पदार्थ बरामद किए जा चुके हैं। स्मैक/एमडी भी दुसरे जिलो से नागौर में आ रही है। पुलिस के कागजों में एनडीपीएस मामलों की संख्या भी बढ़ गई है। नशे की तस्करी के आरोप में पकड़े जाने वाले युवा है जिनकी उम्र महज बीस-बाइस साल है।
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