राजस्थान न्यूज: जोधपुर के भोमिया जी कॉलोनी में एक संभावित बाल विवाह की सूचना पर बासनी थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सोमवार सुबह 9 बजे शादी समारोह स्थल पर दबिश दी।
मौके पर पुलिस को दो लड़कियों की शादी होते हुए मिली, जिनमें से एक के बालिग (18 वर्ष या उससे अधिक उम्र) होने की पुष्टि हो गई, जबकि दूसरी लड़की के दस्तावेज मांगे गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह बालिग है या नाबालिग (18 वर्ष से कम उम्र)।
लड़कियों के पिता ने बताया कि जो लड़की बालिग है उसी की शादी करवाई जा रही है नाबालिग की नहीं।
पुलिस ने उन्हें पाबंद किया है कि वह नाबालिग लड़की की शादी न कराएं।
मामले की सूचना एसडीएम और पटवारी को भी दी गई है। पुलिस ने बताया कि यदि जांच के दौरान यह साबित होता है कि दूसरी लड़की नाबालिग है, तो विवाह कराने वाले आयोजकों और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान में बाल विवाह को रोकने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम.2006 लागू है जिसके तहत लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित की गई है।
इस कानून के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति नाबालिग का विवाह कराता है उसमें भाग लेता है या उसे प्रोत्साहित करता है तो उसे दो वर्ष तक का कठोर कारावास और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
यह अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है।
इसके अलावा, नाबालिग विवाह को रद्द कराने के लिए पीड़ित व्यक्ति बालिग होने के दो वर्ष के भीतर अदालत में याचिका दायर कर सकता है। साथ ही, POCSO अधिनियम, 2012 और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ यौन संबंध को बलात्कार की श्रेणी में माना जाता है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
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