श्रीगंगानगर में पिछले कई दिनों से गंगनहर में पानी की कम आवक को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन के बाद अब राहत की खबर सामने आई है। सिंचाई विभाग ने जानकारी दी है कि पंजाब क्षेत्र में हो रही बारिश के चलते अब गंगनहर में पानी की मात्रा बढ़कर 2000 क्यूसेक हो गई है, जिससे टेल तक पानी पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। इससे बिजाई के समय संकट का सामना कर रहे किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि जल संकट के चलते गंगनहर की टेल पर स्थित गांवों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था, जिससे खरीफ की फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही थी। इस समस्या को लेकर जिलेभर के किसान संगठनों ने आंदोलन किया और सिंचाई पानी की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की।
पंजाब-राजस्थान में प्रशासनिक समन्वय से बनी राह-
सिंचाई विभाग के एसई धीरज चावला ने बताया कि 25 जून को पंजाब और राजस्थान के प्रशासनिक, पुलिस और जल संसाधन विभाग के बीच हुई अहम बैठक में गंगनहर में पानी की स्थिति सुधारने को लेकर ठोस निर्णय लिए गए। पानी चोरी रोकने के लिए दोनों राज्यों में संयुक्त गश्ती दल गठित कर निगरानी तेज कर दी गई है।
एसई धीरज चावला ने कहा-
“गंगनहर में सिंचाई पानी को लेकर हर साल किसान आंदोलन करते हैं। इस बार सरकार ने स्थायी समाधान की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए हैं।” इसी संदर्भ में पंजाब एवं राजस्थान के बीच फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण की औपचारिकताओं को शीघ्र पूर्ण कर इसी वित्तीय वर्ष में कार्य आरम्भ किए जाने की योजना है।
स्थायी समाधान की ओर बढ़ते कदम-
सिंचाई विभाग का मानना है कि फिरोजपुर फीडर का पुनर्निर्माण होने से आने वाले वर्षों में गंगनहर में जल संकट की स्थिति नहीं उत्पन्न होगी। प्रशासन का यह प्रयास किसानों को न सिर्फ मौजूदा राहत देगा, बल्कि भविष्य में जल संघर्ष की पुनरावृत्ति को भी रोकने में सहायक होगा।
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