कोटा में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राजस्थान के राज्यपाल को नगर निगम के कांग्रेस पार्षद अपना ज्ञापन सौंपना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पहले से शांति पूर्वक प्रदर्शन की योजना बनाई थी।
एरोड्रम की ओर बढ़ते ही पुलिस ने रोका, नांता थाने भेजा-
जैसे ही पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल एरोड्रम की ओर बढ़ा, पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया। स्थिति बिगड़ने से पहले कुछ पार्षदों ने तलवंडी की पानी की टंकी पर चढ़ने की चेतावनी दी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी 18 पार्षदों को हिरासत में लिया और नांता थाना भेज दिया।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर भी प्रशासन की सख्ती-
उपमहापौर पवन मीणा ने कहा कि पार्षदों का इरादा पूरी तरह शांतिपूर्ण था। वे सिर्फ जनप्रतिनिधियों के तौर पर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे। मगर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
गिरफ्तार किए गए पार्षदों की पूरी सूची-
नाता थाने में जिन 18 पार्षदों को हिरासत में लिया गया, वे हैं:
पवन मीणा (उप महापौर), इसरार मोहम्मद, देवेश तिवारी, कुलदीप गौतम, कपिल शर्मा, अनुराग गौतम, अंशु श्रंगी, धनराज चेची, लेखराज योगी, कुलदीप प्रजापति, मोहन नंदवाना, सोनू अब्बासी, दीपक वर्मा, सोनू भील, इरफान घोसी, प्रफुल्ल पाठक, प्रमोद विजय और किशन प्रजापति।
कांग्रेस पार्षदों का संकल्प: गिरफ्तारी से नहीं डरेंगे-
पार्षद देवेश तिवारी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से कांग्रेस पार्षद डरने वाले नहीं हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वे गिरफ्तारी के दौरान आमरण अनशन तक करेंगे और आंदोलन को मंजिल तक पहुंचाएंगे।
धरना प्रदर्शन छठे दिन भी जारी, मांगों पर अड़े पार्षद-
कोटा नगर निगम के बाहर कांग्रेस पार्षद लगातार छठे दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। वे शहर की समस्याओं और नगर निगम प्रशासन की अनदेखी को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं। यह घटना कोटा में स्थानीय शासन और पुलिस प्रशासन के बीच तनावपूर्ण टकराव की तस्वीर पेश करती है।
कांग्रेस पार्षद अपनी मांगों के समर्थन में किसी भी स्तर तक जाने को तैयार दिख रहे हैं। वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था और सुरक्षा का हवाला देकर कार्रवाई कर रहा है।
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