जयपुर के बच्चों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब दिल की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मासूमों को इलाज के लिए दिल्ली एम्स या अन्य महानगरों के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जेके लोन हॉस्पिटल में 20 करोड़ रुपये की लागत से डेडिकेटेड कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी (CTVS) यूनिट तैयार हो गई है। जो पूरी तरह बच्चों के लिए है। संभावना है कि इस यूनिट की शुरुआत अगस्त 2025 से हो जाएगी।
हर दिन हो सकेगी हार्ट सर्जरी-
एसएमएस मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर और पीडियाट्रिक सीटीवीएस यूनिट की प्रमुख डॉ. हेमलता वर्मा ने बताया कि फिलहाल गंभीर हालत वाले बच्चों को हर माह 10-12 केस तक दिल्ली या अन्य शहरों में रेफर करना पड़ता है। वजह यह है कि अभी सीटीवीएस यूनिट वयस्क मरीजों के साथ साझा होती है। जिससे बच्चों की सर्जरी के लिए महीने में केवल एक-दो दिन ही मिल पाते हैं।नई यूनिट के शुरू होने से यह स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। अब हर रोज एक या दो बच्चों की सर्जरी की जा सकेगी।
अत्याधुनिक सुविधाएं: ऑपरेशन थिएटर, कैथलैब और ICU एक ही फ्लोर पर-
डॉ. वर्मा ने बताया कि यह यूनिट पूरी तरह से मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस है। इसमें एक ही फ्लोर पर ऑपरेशन थिएटर, कैथलैब और वार्ड बनाए गए हैं, जिससे मरीज बच्चों को दूसरी बिल्डिंग में ले जाने की जरूरत नहीं होगी।कैथलैब में दिल की जांच से लेकर इंटरवेंशन प्रक्रिया तक संभव होगी। जिससे समय की बचत होगी और बच्चों को बेहतर इलाज मिल पाएगा।
इस 80 बेड वाली यूनिट में –
- 10 एडवांस ICU बेड
- 5 HDU (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) बेड
- 65 जनरल बेड शामिल हैं।
पहली डेडिकेटेड सरकारी यूनिट, वेटिंग होगी कम-
यह राजस्थान की पहली सरकारी यूनिट है जो सिर्फ बच्चों के लिए डेडिकेटेड है। अब तक बच्चों की हार्ट सर्जरी के लिए 5 से 6 महीने तक की वेटिंग चलती थी। कई बार अभिभावक मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करते थे या रेफर होकर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में इलाज करवाने जाते थे।अब उम्मीद की जा रही है कि इस यूनिट के शुरू होने के बाद वेटिंग खत्म होगी और गरीब से गरीब परिवार को भी समय पर इलाज मिल सकेगा।
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