जोधपुर में शुक्रवार की सुबह पाल गांव और आशापूर्णा सिटी में उस समय हड़कंप मच गया। जब आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने एक साथ दबिश दी। यह कार्रवाई अचानक नहीं थी। महीनों की गुप्त जांच और ठोस सूचनाओं के आधार पर की गई।
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी का केंद्र रहा जोधपुर-बालोतरा मैन रोड पर स्थित लूणावास गांव की एक कीमती जमीन, जिसकी करीब 6 करोड़ रुपये में डील हुई थी। यह सौदा पाल गांव निवासी नारायणसिंह और प्रॉपर्टी डीलर जगदीश बाफना के बीच हुआ, लेकिन दस्तावेजों में केवल डीएलसी रेट के आधार पर ही सौदा दर्शाया गया। इससे टैक्स चोरी की आशंका गहरा गई।
गुप्त शिकायत से शुरू हुई थी जांच-
आयकर विभाग को इस सौदे से जुड़ी एक गुप्त शिकायत मिली थी, जिसके बाद संबंधित दस्तावेजों की जांच और दोनों पक्षों की वित्तीय पृष्ठभूमि को खंगाला गया। महीनों की जांच के बाद जब पुख्ता सबूत मिले। तब जाकर दोनों स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए।
परिवारिक विवाद से हुआ बड़ा खुलासा-
इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प मोड़ तब आया, जब यह सामने आया कि विवाद की जड़ परिवारिक विवाद था। दोनों परिवारों में केवल बेटियां हैं और एक बेटी व उसके दामाद ने जमीन सौदे में अपने हिस्से की मांग को लेकर विरोध जताया। नारायणसिंह ने बेटी-दामाद को 50 लाख रुपये भी दिए, लेकिन दामाद की शिकायतें जारी रहीं। माना जा रहा है कि इन्हीं में से किसी एक शिकायत ने आयकर विभाग का ध्यान आकर्षित किया।
महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त, देर रात तक चली कार्रवाई-
आयकर विभाग की टीमों ने छापे के दौरान कई अहम दस्तावेज, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक डाटा जब्त किया है। इन दस्तावेजों से करोड़ों की प्रॉपर्टी डील के नए खुलासे होने की संभावना है। इस कार्रवाई से पूरे इलाके में दिनभर चर्चा का माहौल बना रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई देर रात तक जारी रही और कई स्तरों पर पूछताछ भी की गई।
टैक्स चोरी पर शिकंजा कसने की बड़ी पहल-
यह मामला न सिर्फ टैक्स चोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पारिवारिक विवाद कैसे कभी-कभी बड़े राज़ खोलने का जरिया बन जाते हैं। आयकर विभाग अब जब्त दस्तावेजों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
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