राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में भारत-पाक सीमा के नज़दीक एक हाईटेक एमडी ड्रग फैक्ट्री का बड़ा खुलासा हुआ है।
पुलिस ने छापेमारी कर इस अवैध फैक्ट्री से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में केमिकल ज़ब्त किया है, जिससे करीब 100 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग तैयार की जा सकती थी।
सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि आरोपी सोशल मीडिया और किताबों से एमडी बनाने की तकनीक सीखकर फैक्ट्री चला रहे थे।
22 जुलाई को बाड़मेर के सेड़वा थाना क्षेत्र में बीट कॉन्स्टेबल मनोहर सिंह को सूचना मिली कि करटिया गांव के एक बाड़े में संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी और वहां एमडी ड्रग तैयार करने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ। फैक्ट्री लगभग 40 लाख रुपए की लागत से खड़ी की गई थी।
इस ऑपरेशन में दो लोगों — मांगीलाल (बाड़मेर) और बिरजू शुक्ला (मुंबई) को गिरफ्तार किया गया। फैक्ट्री से हाईटेक मशीनें, केमिकल, साइलेंट जनरेटर और ड्रग बनाने की विधि संबंधी दो किताबें जब्त की गईं।
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि ड्रग रैकेट का मास्टरमाइंड रमेश नामक व्यक्ति था। उसने मांगीलाल से 10 लाख रुपये में खेत किराए पर लिया, जिसमें से 5 लाख कैश में दिए गए। इसके बाद मांगीलाल और कमलेश मुंबई गए और वहां बिरजू शुक्ला से मिले, जिसने ड्रग बनाने के लिए ज़रूरी टेक्नीशियन ‘शिवा’ को साथ जोड़ा।
शिवा, जो पहले महाराष्ट्र की जेल में बंद था, वहीं एमडी ड्रग बनाने की तकनीक सीखी थी। बिरजू के संपर्क में आने के बाद उसने इस तकनीक को ज़मीन पर उतारा। फैक्ट्री की मशीनें और केमिकल नम्रता ग्लास कंपनी, ठाणे की एक महिला से लिए गए, जबकि कुछ कांच सामग्री मुंबई की एक अन्य कंपनी से खरीदी गई।
देशभर में सप्लाई की थी तैयारी:
पूछताछ में सामने आया कि गिरोह पश्चिमी राजस्थान को ड्रग निर्माण का केंद्र बनाकर पूरे भारत में सप्लाई की योजना बना रहा था। एमडी बनाने में 3 से 5 दिन लगते हैं और इसके लिए विशेष तापमान और सेटअप ज़रूरी होता है। गिरोह ने इसके लिए संपूर्ण सिस्टम तैयार कर रखा था।
बाड़मेर से मिली सफलता के बाद पुलिस ने जैसलमेर, जालोर और सांचौर में सक्रिय ऐसे ही गिरोहों की तलाश तेज़ कर दी है। इन इलाकों में भी फैक्ट्रियों के संचालन की आशंका जताई जा रही है।
NCB की टीम ने जोधपुर से पहुंचकर जांच की। मौके से जब्त सामग्री में शामिल हैं :-
- 39.250 किलो लिक्विड मिश्रण
- 290.840 किलो केमिकल 7 बोतलों में
- 8 प्लास्टिक जरीकन
- 4 प्रतिबंधित दवाएं, जिनमें क्लोरोफॉर्म भी शामिल
- 1 साइलेंट जनरेटर
- 2 किताबें, जिनमें एमडी ड्रग की रासायनिक विधियां दर्ज थीं
नामजद आरोपी और जांच:- पुलिस ने रमेश कुमार, दो कमलेश, गणपत सिंह (ओडिशा), शिवा, नम्रता (ठाणे), रोहन प्रभाकर और मच्छींद्र तुकाराम भोसले के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से कई अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में टीमें महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान के अन्य जिलों में भेजी गई हैं।