राजस्थान सरकार की “मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना” को मौजूदा सरकार ने नई गति और व्यापकता दी है। राज्य में बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली इस योजना के तहत पिछले डेढ़ वर्षों में अब तक ₹4.78 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है जो कि पूर्ववर्ती सरकार के पूरे पांच साल के आंकड़े को भी पीछे छोड़ चुकी है।
वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस योजना में व्यापक बदलाव करते हुए इसे ज्यादा प्रभावशाली बनाया है। योजना का मकसद सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन देना है।
विशेष रूप से उन बेटियों को केंद्र में रखा गया है जो आर्थिक अभाव या सामाजिक असमानताओं के कारण आगे की पढ़ाई से वंचित रह जाती थीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 12वीं कक्षा पास करने वाली छात्राओं को कॉलेज या व्यावसायिक संस्थानों में दाखिला लेने के लिए एकमुश्त छात्रवृत्ति दी जा रही है।
इस सहायता से उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल रहा है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत अब तक ₹4.78 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है जबकि पूर्व सरकार ने पूरे कार्यकाल में ₹3.52 करोड़ की सहायता ही उपलब्ध कराई थी।
सरकार का दावा है कि यह सिर्फ आंकड़ों का अंतर नहीं, बल्कि नीति में पारदर्शिता, प्रशासनिक संकल्प और कार्य की रफ्तार का भी प्रमाण है।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि “हमारी बेटी योजना” अब ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की रीढ़ बन चुकी है और इसे ज़मीनी स्तर तक मजबूत किया जा रहा है ताकि कोई भी बेटी सिर्फ संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए।
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