राजस्थान की भजनलाल सरकार ने खेतिहर मज़दूरों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाली एक नयी पहल शुरू की है। जिन किसानों के पास न अपनी ज़मीन है न औज़ार, अब उन्हें पाँच हज़ार रुपये तक के कृषि यंत्र मुफ्त मिलेंगे। यह कदम राज्य के ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूती देने के साथ-साथ हाशिये पर खड़े श्रमिकों को तकनीकी क्षमता भी देगा।
जिनके पास ज़मीन नहीं, अब उन्हें भी मिलेगा सहारा
योजना का पहला चरण सभी ग्राम पंचायतों में लागू होगा, जहाँ प्रत्येक पंचायत से पचास भूमिहीन कृषि-श्रमिक चुने जाएंगे। पात्रता के लिए आवेदक के नाम, या माता-पिता के नाम, किसी तरह की कृषि भूमि या नेशनल शेयर दर्ज नहीं होना चाहिए।
चयनित श्रमिकों को हल, कुदाल, फावड़ा जैसे हाथ के औज़ारों के अलावा सीड ड्रिल, स्प्रे पंप और बैग स्प्रेयर जैसे मशीन यंत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
महिलाओं और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता
महिला आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी, इसके बाद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बीपीएल परिवार और फिर अन्य श्रेणियों के आवेदकों का नंबर आएगा। चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। सरपंच की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी तथा कृषि पर्यवेक्षक शामिल हैं
आवेदन छाँट रही है। एक परिवार से सिर्फ एक ही फार्म स्वीकार होगा और आवेदक का मोबाइल नंबर तथा बैंक खाता जनाधार से लिंक होना अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि ये उपकरण न सिर्फ श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ाएंगे बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं में इसका सीधा संदेश जाएगा कि सरकार मेहनतकश हाथों को तकनीक की ताक़त थमा रही है।
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