जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सरकार पर पंचायत और निकाय चुनावों में देरी को लेकर लगाए गए आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने तीखा पलटवार किया है।
राठौड़ ने कहा कि-
“गहलोत सरकार के समय ऐसी अव्यवस्थित पंचायतें और वार्ड बनाए गए थे कि उन्हें व्यवस्थित करने में ही समय लग रहा है। कांग्रेस ने ऐसी योजनाएं बनाईं, जिनमें न तो समानता थी और न ही तर्क। एक ही पंचायत में कहीं 500 की आबादी थी तो कहीं 11 हजार की। एक वार्ड में ढाई सौ लोग थे तो दूसरे में आठ हजार।”
मदन राठौड़ ने स्पष्ट किया कि भाजपा की मंशा सभी को समान अवसर देने की है, न कि किसी को व्यक्तिगत लाभ देने की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो अब तक चुनाव हो चुके होते। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जानबूझकर असंतुलन पैदा किया। जिसे ठीक करने में समय लग रहा है।
कांग्रेस सिमट गई है — मदन राठौड़-
निकाय और पंचायत चुनावों की घोषणा में देरी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव टालने का आरोप लगाया था। इस पर मदन राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा –
“अशोक गहलोत को सोचना चाहिए कि कांग्रेस अब सिमट चुकी है। उपचुनावों में कांग्रेस को केवल चार सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 36 में से 29 सीटें जीतीं। विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा ने पांच में से चार सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली। इसके बावजूद कांग्रेस हम पर हार के डर से चुनाव टालने का आरोप लगाती है।”
बालमुकुंदाचार्य के बचाव में उतरे राठौड़-
रामगंज थाने में विधायक बालमुकुंदाचार्य के एसएचओ की कुर्सी पर बैठने को लेकर उठे विवाद पर राठौड़ ने कहा कि-
“महत्व कुर्सी का नहीं, उसके स्थान का होता है। विधायक ने कुर्सी को स्थान से हटाकर उपयोग किया, इसमें कोई अपराध नहीं है। कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए छोटी-छोटी बातों पर राजनीति कर रही है। उन्हें सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए, हमेशा नकारात्मकता ढूंढना ठीक नहीं।”
पृष्ठभूमि-
राज्य की करीब 7,000 ग्राम पंचायतों और 55 नगर निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन चुनाव की घोषणा अब तक नहीं हुई है। इसको लेकर कांग्रेस हमलावर है और सरकार पर संवैधानिक व्यवस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगा रही है।
राजस्थान न्यूज़: अशोक गहलोत- BJP-RSS का एजेंडा लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्जा करना