Spotnow news: राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी किशन सहाय मीणा को चुनाव आयोग ने बुधवार को निलंबित कर दिया है। 2004 बैच के इस अधिकारी को झारखंड विधानसभा चुनाव में ड्यूटी पर तैनात किया गया था। लेकिन वे बिना कोई सूचना दिए जयपुर लौट आए।
चुनाव आयोग ने आईपीएस अधिकारी किशन सहाय मीणा को फॉर्म 17ए की जांच और पुनर्मतदान के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने के आदेश दिए थे। उन्होंने 28 अक्टूबर को निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया। और बिना आयोग की मंजूरी के जयपुर चले गए। इसे चुनाव आयोग ने गंभीर उल्लंघन माना। इसके बाद 11 नवंबर को चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र जारी कर उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए।
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इस घटना के अलावा किशन सहाय मीणा का सोशल मीडिया पर किया गया एक विवादित बयान भी सुर्खियों में है। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में धर्म और धार्मिक विश्वासों पर तीखा प्रहार किया था। मीणा ने लिखा भगवान, अल्लाह, गॉड, वाहेगुरु, देवी-देवता, और अन्य धार्मिक अवधारणाएं केवल मानव कल्पना हैं और इनका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है।
अगर भगवान या अल्लाह होते तो भारतीय कभी गुलाम नहीं बनते। ये सभी धार्मिक विश्वास केवल कल्पना हैं और इन्हें कई तरीके से नकारा जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है जब किशन सहाय मीणा का बयान विवादों में आया हो। जनवरी 2023 में भी उन्होंने एक सम्मेलन में यह बयान दिया था कि जो कुछ भी इस दुनिया में है, वह विज्ञान की देन है, न कि भगवान की। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्होंने गीता, कुरान और बाइबिल का अध्ययन किया है और उनका निष्कर्ष यह था कि इंसान की तरक्की केवल विज्ञान के मार्ग पर चलकर ही संभव है।
किशन सहाय मीणा के इन बयानों ने उन्हें धार्मिक समुदायों के बीच आलोचना का शिकार बना दिया है। कई लोगों ने उनकी टिप्पणियों को अपमानजनक और असंवेदनशील करार दिया है, जबकि कुछ ने इसे व्यक्तिगत विचार के रूप में देखा। इस बीच, चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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आगे यह देखना होगा कि किशन सहाय मीणा के खिलाफ आगे कौन सी कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई होती है, और क्या उनका निलंबन और विवादित बयान उनकी करियर को प्रभावित करेगा।