राजस्थान न्यूज़: जयपुर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) कॉरिडोर, जो सुविधा के बजाय परेशानी का कारण बनता जा रहा है, को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की कार्यकारी समिति ने इसके हटाने का निर्णय लिया है। हालांकि, अंतिम निर्णय के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी।
अजमेर रोड पर बनेगा अंडरपास
अजमेर रोड पर 200 फीट चौराहे पर ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अंडरपास बनाने की योजना तैयार की है। इस निर्माण के कारण अजमेर रोड पर स्थित BRTS कॉरिडोर का एक किलोमीटर हिस्सा खत्म हो जाएगा।
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सीकर रोड पर भी अंडरपास की योजना
इसी तरह सीकर रोड पर भी अंडरपास बनाने का प्रस्ताव है, जिससे वहां का 1.2 किलोमीटर लंबा BRTS कॉरिडोर समाप्त हो जाएगा। इससे पहले झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड और पानीपेच से राव शेखा सर्किल के बीच BRTS कॉरिडोर पहले ही खत्म किया जा चुका है।
पूर्व परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने इसे “मौत का कुआं” बताते हुए हटाने की वकालत की थी। हालांकि तब तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 169 करोड़ रुपये की केंद्रीय फंडिंग का हवाला देते हुए इसे हटाने से इनकार कर दिया था।
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BRTS की शुरुआत:
2007 में जयपुर में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए 46 किलोमीटर लंबे BRTS कॉरिडोर की शुरुआत हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने 50%, राज्य सरकार ने 20% और JDA ने 30% राशि खर्च की।
हालांकि संचालन में मॉनिटरिंग सिस्टम की विफलता, बैठने की टूटी-फूटी सुविधाएं, पानी और टॉयलेट की कमी, बारिश में टाइल्स और छत से पानी टपकने जैसी खामियों ने इसे असफल बना दिया। आखिरकार, इसे सामान्य ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया।