ब्यावर में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें एक ई-मित्र संचालक के क्यूआर कोड के जरिए तीन अलग-अलग खातों से कुल 94,624 रुपए की राशि उड़ा ली गई।
सबसे गंभीर बात यह है कि पीड़ित संचालक ने खुद ही आरोपी को बुलाकर पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
क्या है मामला?
मानगंज मोहल्ला निवासी ई-मित्र संचालक राहुल भट्ट पुत्र रमेश भट्ट ने बताया कि उसके केंद्र पर एक युवक लगातार आता-जाता था। वह अक्सर दूसरे लोगों से राहुल के क्यूआर कोड पर पैसे डलवाकर नकद राशि ले जाया करता था।
10 जुलाई को खुला बड़ा फर्जीवाड़ा-
राहुल को 10 जुलाई को अपने बैंक खाते में बड़ी गड़बड़ी का पता चला, जब उसने देखा कि उसका अकाउंट माइनस में जा चुका है। जांच करने पर यह भी सामने आया कि जिन-जिन खातों में उसने पैसे ट्रांसफर किए थे, वे भी माइनस में दिखा रहे थे।
संदेह हुआ, फिर फंसा कर पुलिस को सौंपा। उसी दिन संदिग्ध युवक ने राहुल को फोन कर एक लाख रुपये नकद की मांग की।
संदेह के आधार पर राहुल ने आरोपी को अपने ई-मित्र केंद्र बुलाया और अपने साथियों की मदद से पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी के पास से 6 मोबाइल फोन और कुछ एटीएम कार्ड भी बरामद हुए हैं।
किन खातों से कितनी हुई ठगी?
1. राहुल भट्ट के खाते से – ₹12,261
2.गोपालकृष्ण डीडवानिया के खाते से – ₹17,649
3.रेखा सोनी के खाते से – ₹6,930
4.कुल राशि – ₹36,840 (अभी तक की पुष्टि)
राहुल ने यह आशंका भी जताई है कि उसके खाते से ₹2,36,295 तक की और ठगी हो सकती है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप-
राहुल ने बताया कि आरोपी को सौंपने के बावजूद अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और न ही कोई कानूनी कार्रवाई हुई है।
इस संबंध में उन्होंने पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह को लिखित शिकायत दी है और मांग की है कि ठग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उड़ा ली गई राशि की भरपाई कराई जाए।
ग्रामीणों और व्यापारियों में नाराजगी-
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष है। उनका कहना है कि यदि आरोपी को समय पर सजा नहीं दी गई तो इससे ठगों के हौसले और बुलंद होंगे और अन्य ई-मित्र संचालकों पर भी खतरा बना रहेगा।
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