Rajasthan News: जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए खिलाड़ीलाल बैरवा ने अब भाजपा का साथ छोड़ दिया है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पर भी कई आरोप लगाए हैं लेकिन भाजपा की विचारधारा से भी वह सहमत नहीं हो सके। ऐसे में उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।
Rajasthan News: बैरवा ने एक आम सूचना जारी कर बताया कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को कांग्रेस से बाहर निकालने का असफल प्रयास किया गया। सचिन पायलट के गुट के लोगों के फोन टेप करवाए। जिसके बारे में उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा खुलासा किया जा चुका है। बैरवा का फोन भी टेप करवाया गया। जो कि अहम जांच का विषय है। योजनाबद्ध तरीके के साथ बैरवा को पार्टी से निष्कासित किया गया। पार्टी के कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान को अलग अलग टुकड़ों में बांटने का काम किया गया। जिसमे पंचायत समिति स्तर के क्षेत्रफल वालों को भी जिला बना दिया। समाज के टुकड़े कर इतने सामाजिक बोर्ड में बांट दिए कि उनको स्वयं भी पता नहीं है।
होनी चाहित 4 बिन्दुओं की जांच
बैरवा ने बताया कि अन्तिम छ: माह में सरकार द्वारा लिए फैसलों की समीक्षा में चार बिन्दुओं पर भी समीक्षा होनी चाहिए। सरकार से मांग करता की है कि जिले बनाना, सामाजिक बोर्ड बनाना, फोन टेपिंग मामला व अनुसूचित जाति आयोग को वैद्यानिक दर्जा वाले मामले की समीक्षा की जानी चाहिए। जिससे प्रदेश की जनता को न्याय मिल सके।
खून में शामिल है कांग्रेस विचारधारा
बैरवा ने पत्र में बताया कि मैने एवं मेरे कार्यकर्ताओं ने भाजपा ज्वॉइन की लेकिन काफी प्रयास के बाद भी मैं भाजपा की विचारधारा से अपने आप को जोड़ नही पा रहा हूं। मैंने 33 वर्ष कांग्रेस में सक्रिय राजनीति की है। विचारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है। मुझे भाजपा से कोई शिकायत नही है लेकिन मैं और मेरे साथी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से अलग होते हुए प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे है।