Spotnow News: jaipur. भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं…। यह कहावत तब साबित हुई जब 14 महीने पहले अपहरण किए गए 11 माह के कान्हा को बुधवार को फिर मां की ‘गोद’ मिल गई।
टीम बच्चे को लेकर मां के पास पहुंची तो बच्चा रोने लगा। अपनी मां के पास जाने से ही मना करने लगा। वहीं, इस दौरान बच्चे को किडनैप करने वाला आरोपी हेड कॉन्स्टेबल तुनज चाहर भी बच्चे को रोता देख रोने लगा। कान्हा अब 2 साल का हो चुका है।, इसलिए मां एकबारगी तो उसे पहचान ही नहीं पाई। वाटिका से अपहृत 11 महीने के कुक्कू उर्फ कान्हा को जयपुर पुलिस ने जन्माष्टमी पर अलीगढ़ से बरामद कर लिया। आरोपी हेड कॉन्स्टेबल तनुज चाहर को पुलिस ने आज कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया।
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यूपी के मथुरा से अरेस्ट किया
तनुज कान्हा के परिवार का परिचित था। कोई पहचान ना पाए इसलिए बच्चे को कृष्ण और खुद साधु बन मथुरा-वृंदावन में घूमता था। जयपुर पुलिस के जवान साधु बनकर मथुरा-वृंदावन में बच्चे को तलाशते रहे। 22 अगस्त को पुलिस के पास कान्हा और तनुज को लेकर कॉल आया। लोकेशन ट्रेस कर पुलिस ने स्थानीय पुलिस की सहायता से 7 किमी पैदल पीछा कर आरोपी को पकड़ लिया।
डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि तनुज आगरा का है। वह यूपी पुलिस का निलंबित कांस्टेबल है। जयपुर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। गौरतलब है कि सांगानेर में वाटिका निवासी पूनम ने 11 माह के बच्चे कान्हा को चार साथियों के साथ उठाकर ले जाने की रिपोर्ट 14 जून 2023 को दर्ज करवाई थी।
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सीसीटीवी में स्कूल ड्रेस दिखी तो पुलिस आरोपी तक पहुंची
एडि. डीसीपी ने बताया कि तनुज ने कान्हा की मां पूनम से 22 अगस्त को बात की। इस पर लोकेशन ट्रेस कर टीम अलीगढ़ पहुंची। एक सीसीटीवी में स्कूल ड्रेस में खड़े बच्चे के पास बैठा तनुज दिखा। ड्रेस के आधार पर टीम आर्या पब्लिक स्कूल पहुंची और वहां से बच्चे की जानकारी मिली।