प्राप्त जानकारी के अनुसार नावां के मारोठ थाना पुलिस एक मामले में देर रात को आरोपी को पकड़ने के लिए दौलतपुरा पहुंची थी। पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में निजी वाहन लेकर आए थे और किसी लड़की से संबंधित मामले में कार्रवाई करने आये थे। स्थानीय ग्रामीणों ने बिना किसी पूर्व जानकारी के पुलिसकर्मियों को घेर लिया और उन्हें बंधक बना लिया।
कुछ लोगों ने सिविल ड्रेस में आई पुलिस के साथ मारपीट की और उन्हें बंधक बना लिया। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान डीडवाना पुलिस ने बंधक बने पुलिसकर्मियों को छुड़ाने के लिए तुरंत कार्रवाई की। दौलतपुरा के सरपंच प्रतिनिधि राजू ने भी बीच-बचाव किया और पुलिस को बचाने में मदद की।
यह भी पढ़ें—-Spotnow News: 11 दिन में तेंदुए ने 7 लोगों को बनाया अपना शिकार
इस बीच हाइवे पर पहुंची डीडवाना पुलिस ने सरपंच प्रतिनिधि को भी हिरासत में लिया। जिन्हें बाद में छोड़ दिया। इसके अलावा कुछ लोगों को भी पकड़ा गया। जिन्हें पुलिस ने शांति भंग के आरोप में पकड़ा है।
पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी समय पर इस मामले की भनक नहीं लगी, जिससे साफ है कि पुलिस की कार्रवाई में कोई समन्वय नहीं था। इस घटना ने सवाल उठाए हैं कि पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में निजी वाहन लेकर आने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
पुलिस के साथ मारपीट का यह ड्रामा लगभग 2 घंटे तक चला। ग्रामीणों के इस व्यवहार से स्थानीय कानून-व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। अब यह मामला स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए अब एक चुनौती बना हुआ है, और इस पर उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है। मारोठ थाने के हेड कांस्टेबल जगराम मीणा ने डीडवाना थाने में राजकार्य में बाधा पहुंचाने और मारपीट करने की रिपोर्ट दी है जिस पर स्थानीय पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है।
[…] […]