Spotnow News: करौली. पेरिस पैरालिंपिक में राजस्थान के सुंदर गुर्जर ने जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। सुंदर ने 64.96 मीटर की दूरी तक थ्रो किया। सुंदर गुर्जर गंगापुरसिटी के टोडाभीम के देवलेन गांव के रहने वाले हैं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा ‘राजस्थान के करौली जिले के एथलीट सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालिंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जितने पर न केवल देश बल्कि पूरे राजस्थान का मान बढ़ाया है। आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि आपके अथक परिश्रम और असाधारण खेल कौशल का परिणाम है।
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परिवार में खुशी का माहौल
कांस्य पदक जीतने पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। उनके बड़े भाई ने लोगों को मिठाई खिलाई। बड़े भाई ने बताया कि सुंदर एक बहुत मेहनती खिलाड़ी है, जो अपने काम को पूरी लगन से करता है। उन्होंने 2021 में गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। हालांकि पिछले प्रयास में भी कांस्य पदक ही मिल पाया था। इसके बावजूद सुंदर ने लगातार मेहनत की और इस बार भी फिर कांस्य पदक जीतकर देश, समाज और परिवार का मान बढ़ाया है।
सुंदर ने एशियाई पैरा गेम्स में जीता था गोल्ड
सुंदर गुर्जर ने 2023 में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स में भी इतिहास रचा था। उन्होंने 68.60 मीटर थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी।
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हादसे में हाथ कटा तो घर नहीं लौटे थे
साल 2016 में सुंदर के एक दोस्त के घर पर हुए हादसे में उनकी कलाई पर टीन शेड गिर जाने से बायां हाथ काटना पड़ा था। हादसे के बाद सुंदर गहरी निराशा में डूब गए थे और उन्होंने अपने माता-पिता को शक्ल तक नहीं दिखाई थी। उन्होंने ठान लिया था कि वह तब तक घर नहीं लौटेंगे, जब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर लेते।
मेहनत और संघर्ष के बाद सुंदर ने पैरा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव देवलेन में कदम रखा। गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहली बार घर लौटे सुंदर ने मेडल अपने दादा के गले में डाला था। सुंदर ने कहा था-मेरे मन में एक जिद थी कि गोल्ड मेडल जीतने के बाद ही घर लौटूंगा।