Spotnow News: दौसा. डेंगू से महिला डॉक्टर की मौत का मामला सामने आया है। वह दौसा के लालसोट स्थित रामगढ़ पचवारा के उप जिला अस्पताल में कार्यरत थीं। इससे पहले उनकी डेढ़ साल की बेटी डेंगू की चपेट में आई थी।
चार दिन इलाज के बाद बेटी स्वस्थ हो गई थी। इसके बाद मां डॉ. ज्योति मीणा भी 24 सितंबर को संक्रमित हो गईं। प्लेटलेट्स कम होने के चलते उन्हें जयपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ली जाया गया। महिला ने इलाज के दौरान 25 सितंबर को दम तोड़ दिया।
पति-पत्नी एक ही हॉस्पिटल में पोस्टेड
ब्लॉक चीफ मेडिकल ऑफिसर (BCMO) डॉ. ने बताया- करीब ढाई साल पहले रामगढ़ पचवारा की सीएचसी को उप जिला अस्पताल का दर्जा मिला था। उसी दौरान डॉक्टर धर्म सिंह मीणा और उनकी पत्नी डॉ. ज्योति मीणा का यहां तबादला हुआ था। डॉ. धर्म सिंह मीणा ईएनटी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। डॉ. ज्योति की असमय मौत की खबर से चिकित्सा जगत में शोक है।
4 दिन पहले बेटी को हुआ था डेंगू
डॉ.ने बताया कि करीब चार दिन पहले (19 सितम्बर) डॉक्टर ज्योति मीणा की बेटी को डेंगू हुआ था। उनकी बेटी के ठीक होने के बाद दो दिन पहले ही 24 सितम्बर को डॉक्टर ज्योति मीणा में डेंगू के लक्षण मिले थे।
उनकी हालत अधिक बिगड़ी तो उन्हें तत्काल जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी प्लेटलेट्स लगातार गिरती चली गई। 25 सितम्बर को केवल 12 हजार प्लेटलेट्स ही शेष रह गई थीं। एक दिन के इलाज के बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
डॉ. ज्योति मीणा अलवर की रहने वाली थीं। उनकी शादी 19 अप्रैल 2018 को हुई थी। डॉ. ज्योति की एक डेढ़ साल की बेटी है। वह जयपुर में रहती थीं।