Spotnow News: राजस्थान के सीनियर आईएएस राजेंद्र विजय के घर सहित सभी ठिकानों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीमों ने बुधवार सुबह रेड की है। छापेमारी के कुछ घंटों बाद ही राजेन्द्र विजय को कोटा संभागीय आयुक्त के पद से हटाकर एपीओ कर दिया गया है।
राजेन्द्र विजय के कोटा में 2 और जयपुर के एक ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की जा रही है। दौसा में स्थित उनके पैतृक घर को भी सील किया गया है। आईएएस राजेन्द्र विजय के खिलाफ पिछले एसीबी को कुछ समय में आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिली हैं। जिसके बाद एसीबी ने कोर्ट के आदेशों पर यह कार्रवाई की है।
25 सितंबर को ही कोटा संभागीय आयुक्त का चार्ज लिया था
राजेंद्र विजय को एसीबी की छापेमारी शुरू होने के करीब चार घंटे बाद ही सरकार ने संभागीय आयुक्त के पद से हटा दिया। उन्हें आठ दिन पहले ही यहाँ पोस्टिंग मिली थी। कोटा में उनके सरकारी आवास और ऑफिस की तलाशी ली जा रही है। विजय के जयपुर में स्थित आवास पर भी टीम सुबह से मौजूद है।
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एसीबी पिछले लंबे समय से विजय पर नजर रख रही थी। एसीबी ने मंगलवार को कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट और शिकायत को रखा था। जिसके आधार पर कोर्ट ने सर्च के आदेश दिए। राजेन्द्र विजय के 4 ठिकानों पर बुधवार सुबह से एसीबी सर्च कर रही है।
राजेन्द्र विजय मूलतः दौसा जिले के दुब्बी गांव के निवासी हैं। बुधवार सुबह टीम दुब्बी में उनके घर पहुंची तो गांव में खलबली मच गई। डिप्टी एसपी नवल मीना ने कार्रवाई करते हुए उनके मकान को सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान विजय के पैतृक घर पर कोई मौजूद नहीं था। ऐसे में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद सर्च की कार्रवाई होगी। दरअसल राजेन्द्र विजय पहले आरयुआइडीपी के प्रोजेक्ट मेनेजर भी रह चुके है।
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कोटा कलेक्टर को अतिरिक्त जिम्मेदारी
राजेंद्र विजय की जगह कोटा के संभागीय आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी कोटा कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी को दी गई है। कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव कनिष्क कटारिया ने एपीओ आदेश जारी किए हैं।
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