Spotnow news: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं के पाठ्यक्रम में जल्द ही गौ माता से संबंधित नया अध्याय जोड़ा जा सकता है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस पहल की जानकारी देते हुए बताया कि इस कदम का उद्देश्य छात्रों को गौ माता के महत्व और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि- गौ माता हमारे लिए जीवनदायिनी हैं। वे न केवल जीते-जागते हमारे लिए उपकार करती हैं। बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनका योगदान जारी रहता है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग इस विषय पर विद्वानों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि बच्चों को सही जानकारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि मैंने गौ माता पर आधारित वीडियो फिल्में छात्रों को दिखाने की योजना बनाई है। कई गौ भक्तों ने इस विषय पर उत्कृष्ट फिल्में बनाई हैं। और हम कोशिश कर रहे हैं कि ये फिल्में स्कूलों में दिखाई जा सकें।
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राजस्थान में हाल ही में विधानसभा उपचुनावों के मद्देनजर सरकार ने गौवंश के प्रति अपनी सक्रियता बढ़ाई है। गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि वे गौवंश को निराश्रित और बेसहारा के रूप में संदर्भित करें। न कि आवारा के रूप में।
गोपाष्ठमी का राजकीय पर्व के रूप में मनाना
हाल ही में गोपाष्ठमी के अवसर पर शिक्षा मंत्री ने महामंडलेश्वर आनंद गिरी से मुलाकात की और इस पर्व को राजकीय पर्व के रूप में मनाने तथा पाठ्यपुस्तकों में इसे शामिल करने की बात की। इस अवसर पर मंत्री ने गौ माता की पूजा भी की।
राजस्थान सरकार का यह कदम शिक्षा के माध्यम से गौ माता के प्रति श्रद्धा और सम्मान बढ़ाने के साथ-साथ छात्रों में पर्यावरण और जीव-जंतु संरक्षण की भावना जागृत करने का प्रयास है। इस पहल को लेकर शिक्षा विभाग की तैयारियों पर ध्यान दिया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में छात्रों को एक नई दृष्टि और समझ मिल सके।