Spotnow news: बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि- कई लोगों ने लोकसभा चुनाव के परिणामों में बीजेपी को अंडर एस्टीमेट किया, लेकिन हरियाणा की हकीकत कुछ और थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में खर्ची और पर्ची की चर्चा रही है, लेकिन हमने परिस्थितियों को बदल दिया।
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सतीश पूनिया से बातचीत: हरियाणा चुनाव परिणामों पर अहम बातें:-
सवाल: हरियाणा में बीजेपी ने विपरीत परिस्थिति में जीत की हैट्रिक कैसे लगाई?
जवाब: बीजेपी की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व को जाता है। हमने लोकसभा चुनाव की कमियों को दूर कर संगठन को मजबूत किया और प्रभावी प्रचार अभियान चलाया। कई लोगों ने हमें कम आंकने की कोशिश की, लेकिन हम 44 सीटों पर लीड कर रहे थे, जो हमारी वापसी का संकेत था। पिछले 10 साल के काम पर भरोसा करते हुए जनता ने हमें स्वीकार किया और वोट देकर समर्थन दिया।
सवाल: हरियाणा में एंटी इनकंबेंसी के चलते नायब सैनी को अंतिम समय में मुख्यमंत्री बनाना क्या जीत का कारण था?
जवाब: बदलाव के कई सकारात्मक कारण होते हैं, और हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा। राजनीति में अनुभव और ऊर्जा दोनों महत्वपूर्ण हैं। मनोहर लाल खट्टर का अनुभव और नायब सैनी की ऊर्जा हमारे लिए फायदेमंद रही। इसी वजह से बीजेपी हरियाणा में फिर से सत्ता में आई है।
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सवाल: क्या कुमारी शैलजा की नाराजगी और कांग्रेस की स्थिति से बीजेपी को चुनाव में फायदा हुआ?
जवाब: बीजेपी ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया और उनकी लीडरशिप में चुनाव लड़ा। गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही इस निर्णय की घोषणा की थी। नायब सैनी की आम लोगों के साथ सकारात्मक अप्रोच ने उन्हें एक अच्छे चेहरे के रूप में स्थापित किया। वहीं, कांग्रेस तीन खेमों में बंटी हुई थी—भूपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा के बीच असमंजस था। इस तरह, कांग्रेस की विफलता और बीजेपी की एकता ने हमारी जीत में योगदान दिया।
सवाल: क्या प्रधानमंत्री की केवल चार सभाएं होने के पीछे किसान आंदोलन का डर था?
जवाब: ऐसा नहीं लगता, क्योंकि प्रधानमंत्री की व्यस्तता थी—हरियाणा के साथ जम्मू-कश्मीर और झारखंड में चुनाव चल रहे थे। फिर भी, उन्होंने हरियाणा में चार महत्वपूर्ण सभाएं कीं, जो पार्टी को मजबूत करने में सहायक रहीं। गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ की सभाओं ने भी माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई, जिससे बीजेपी की जीत में योगदान मिला।
सवाल: क्या हरियाणा चुनाव जाट बनाम अन्य जातियों में बदल गया था, और क्या इससे बीजेपी को फायदा हुआ?
जवाब: यह सिर्फ कांग्रेस का कुप्रचार था, क्योंकि जात-पात की राजनीति में वह इस बार सफल नहीं हुई। बीजेपी को हरियाणा में 36 कौम का समर्थन मिला, जिसने हर बूथ पर हमें वोट दिया। जब हमने हर बूथ का विश्लेषण किया, तो यह स्पष्ट हुआ कि बीजेपी ने हरियाणा में भौगोलिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर जीत दर्ज की है।
सतीश पूनिया ने कहा कि- मुझे अपनी नौकरी से पूरी संतोष है। हमें सिखाया गया है कि किसी भी परिस्थिति में भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते हुए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए। मैंने पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाया है, और भविष्य में भी जो कार्य पार्टी मुझे सौंपेगी, उन्हें निष्ठा और समर्पण के साथ पूरा करूंगा। मेरी प्रतिबद्धता और मेहनत हमेशा पार्टी के लिए उच्चतम मानकों को बनाए रखने में सहायक रहेगी।
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