Spotnow news: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने सभी सात उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने कहीं सहानुभूति कार्ड खेला है। तो कहीं SC-ST का समीकरण बनाया है। वहीं हनुमान बेनीवाल ने बड़ा बयान दिया है कि अगर जहर का घुट भी पीना पड़े, तो वह बीजेपी को हराने के लिए तैयार हैं। इस चुनाव में जीतना जरूरी है, नहीं तो हम राजस्थान से मिट जाएंगे।
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हनुमान बेनीवाल ने कहा कि- ये चुनाव जितना जरूरी है। अगर जीत गए तो यह आपकी और RLP की जीत होगी। लेकिन अगर हार गए, तो विधानसभा में तो खाता नहीं बचेगा। साथ ही पूरे राजस्थान से भी RLP का नाम खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस से RLP का गठबंधन
उन्होंने यह भी कहा कि- एक बार कांग्रेस के हाल-चाल भी देख लेते हैं। फिर हम भी दो दिन में अच्छा मुहूर्त पता कर नामांकन भर देंगे। मैं गठबंधन तोड़ना नहीं चाहता कांग्रेसी से इसीलिए टिकट की घोषणा में देरी हो रही है। पिछले चुनाव की बात करें तो हनुमान बेनीवाल का कांग्रेस के साथ गठबंधन था। फिर भी वे लगभग 2900 वोटों से जीते थे। इस बार लगता नहीं कि कांग्रेस की तरफ से कोई गठबंधन होगा। यह बात बेनीवाल की चिंता बढ़ा सकती है।
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उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूं तो अभी घोषणा कर दूं, मुझे कोई नहीं रोक सकता, लेकिन फिर लोग कहेंगे कि हनुमान गठबंधन करते हैं और फिर तोड़ लेते हैं।'”
और बीजेपी वालों से डरने की जरूरत नहीं है। बस 15 दिन और रुक जाइए। इसके बाद थानेदारों से लेकर एसपी और कलेक्टर की कुर्सियों को अपना समझकर बैठ जाइए। अगर सरकार आपको परेशान करेगी तो हनुमान पूरी सरकार हिला देगा।
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कांग्रेस के 7 सीटों पर कैंडिडेट्स
डीसी बैरवा (दौसा)
दौसा विधानसभा सीट पर दिलचस्प स्थिति बन गई है। जहां कांग्रेस ने डीसी बैरवा को नया चेहरा बनाकर उतारा है। वहीं, भाजपा ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। यह सीट जनरल है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने एससी और भाजपा ने ST उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
अमित ओला (झुंझुनूं)
अमित ओला, सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे हैं, जिन्हें झुंझुनूं से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। यह उनके लिए विधानसभा चुनाव में पहला मौका है। अमित का अभियान विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित होगा। युवा मतदाताओं को आकर्षित करना उनका मुख्य लक्ष्य है।
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रतन चौधरी (खींवसर)
खींवसर सीट पर कांग्रेस ने रतन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। वे सवाई सिंह चौधरी की पत्नी हैं जिन्होंने उनकी टिकट की घोषणा के बाद भाजपा से इस्तीफा दे दिया। रतन का चुनावी अनुभव उन्हें मजबूती प्रदान करेगा।
महेश रोत (चौरासी)
महेश रोत एक पूर्व छात्र नेता हैं, जिन्होंने पहले NSUI और बाद में यूथ कांग्रेस में सक्रियता दिखाई। इस बार चौरासी सीट पर कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार के रूप में चुना है जबकि पिछले चुनाव में पार्टी का टिकट पाने वाले वरिष्ठ नेता ताराचंद भगोरा को इस बार बाहर कर दिया गया है। यह बदलाव नए नेतृत्व को प्रोत्साहित करने और पार्टी की युवा टीम को आगे लाने की दिशा में एक कदम है।
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रेशमा मीणा (सलूंबर)
रेशमा मीणा के नाम की घोषणा होते ही पार्टी के भीतर विरोध उठ खड़ा हुआ है। सराड़ा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गणेश चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक पत्र भेजकर इस्तीफा दे दिया। इस पत्र में उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने पूर्व में रघुवीर सिंह मीणा को हराने में भूमिका निभाई उसे पार्टी ने टिकट दिया है। ऐसे में उनका पार्टी का समर्थन करना संभव नहीं है।
आर्यन जुबेर (रामगढ़)
आर्यन जुबेर पूर्व विधायक जुबेर खान के बेटे हैं। उन्हें रामगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। यह उनके लिए पहली बार विधानसभा चुनाव में भाग लेने का अवसर है और पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
ताराचंद भगोरा (चौरासी)
ताराचंद भगोरा को इस बार चौरासी सीट से टिकट नहीं मिला है। वे एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, लेकिन पार्टी ने नए नेतृत्व की तलाश में उनका टिकट काट दिया है।
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