Spotnow news: दीपावली निर्णय सूत्र (संवत् 2081) के अनुसार दीपावली 1 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। जो कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। इस दिन अमावस्या का आरंभ 31 अक्टूबर 2024 को सुबह 03:54 बजे होगा और 1 नवंबर 2024 को शाम 06:17 बजे समाप्त होगी।
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शिक्षाविद और पंडित मेघराज शास्त्री के अनुसार इस वर्ष अमावस्या तिथि दो दिन प्रदोष काल में व्याप्त रहेगी। धर्मशास्त्र के अनुसार, यदि अमावस्या प्रदोष में दो दिन विद्यमान है। ऐसे में दीपावली का पर्व दूसरे दिन 1 नवंबर को ही मनाना उचित है।
पितृ देव पूजन का महत्व- पितृ देव पूजन में अभ्यंग स्नान, देव पूजन और पार्वण कर्म शामिल हैं। जिन्हें प्रातः काल करना चाहिए। यदि दीपावली एक दिन पूर्व मनाई जाती है। तो ये सभी अनुष्ठान लक्ष्मी पूजन के बाद होंगे जो शास्त्रसम्मत नहीं है। इस व्यवस्था का पालन करना आवश्यक है ताकि सभी धार्मिक कर्म सही समय पर संपन्न हों।
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अमावस्या का महत्व- महत्वपूर्ण है कि यदि पहले दिन चतुर्दशी युता अमावस्या ग्रहण की जाती है। तो इसे महादोष माना जाएगा। निर्णय सिंधु और धर्मसिंधु जैसे प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट उल्लेख है कि अमावस्या का पूजन अगले दिन होना चाहिए यदि दोनों दिन प्रदोष काल में विद्यमान है। यह नियम धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मी पूजन का सही समय- इस प्रकार 1 नवंबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का समय सही है। क्योंकि इस दिन अमावस्या पूरे प्रदोष काल और रात्रि में विद्यमान रहेगी। अंततः 1 नवंबर 2024 को लक्ष्मी पूजन (दीपोत्सव) करना शास्त्र सम्मत है। इसे धूमधाम से मनाया जाना चाहिए।
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अजमेर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी-
अजमेर के ज्योतिषाचार्य के अनुसार दीपावली पूजन से पहले पितरों की पूजा महत्वपूर्ण है। 31 अक्टूबर को मनाने पर पितरों की पूजा अगले दिन होगी, जो गलत है। शास्त्र निर्णय सिंधु के अनुसार प्रतिपदा तिथि दीपावली के लिए उपयुक्त है। इसलिए उन्हें 1 नवंबर को दीपावली मनाने की सलाह है।
नागौर में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी-
नागौर के पंडितो का कहना है कि दीपावली कार्तिक माह की अमावस्या की मध्यरात्रि में मनाई जानी चाहिए, जब प्रदोष काल हो। 31 अक्टूबर को अर्द्धव्यापिनी अमावस्या है, और इस दिन लक्ष्मी माता का पूजन फलदायी है। उनका तर्क है कि संवत 2019 में भी दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई गई थी।
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