Spotnow news: जोधपुर-बाड़मेर नेशनल हाईवे-115 पर मंगलवार सुबह एक गंभीर सड़क हादसा हुआ। प्राइवेट बस में पीछे से आई मिनी बस ने टक्कर मारी जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। यह घटना सुबह करीब 9:30 बजे कुड़ी गांव के पास हुई।
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: राजस्थान बोर्ड की बड़ी लापरवाही: 10वीं में बिना कॉपी चेक किए 0 नंबर दिए
पुलिस के अनुसार- हादशे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। घायलों को एंबुलेंस द्वारा नाहटा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जबकि मृतकों के शवों को हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखा गया है। हादसे के समय प्राइवेट बस सड़क किनारे खड़ी थी। जबकि मिनी बस ने उसे पीछे से टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी कि मिनी बस का आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और कई सवारियां फंस गईं।
मिनी बस सुबह करीब 8 बजे पाटोदी से रवाना हुई थी। और कल्याणपुर की दिशा में जा रही थी। इस दौरान बस का चालक पक्षियों को चुग्गा डालने के लिए बस को खड़ी कर गया था। तभी यह दुर्घटना घटित हुई। हादसे के समय चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत मदद के लिए पहुंचे और फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला।
हादसे में 3 मौत
हादसे में कुल 17 लोग घायल हुए हैं। जिनमें से चार की हालत गंभीर है और उन्हें जोधपुर रेफर किया गया है। अन्य घायलों का इलाज नाहटा हॉस्पिटल में जारी है। मृतकों की पहचान अरविंद सिंह (40), हिम्मताराम (35) और एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है।
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: वैभव सोनी ने RJS में 27वीं रैंक हासिल की, चाचा से मिली न्यायिक सेवा में जाने की प्रेरणा
घायलों में चम्पा, निजामुद्दीन, हरिदास, राजुराम, सबीना, कमेखान, रणजीत सिंह, कैलाश पुरी, युवराज, रेशी देवी, मदन नाथ, मांगानाथ और धन्नाराम शामिल हैं।
लापरवाही के कारण दुखद हादसा
इस दुखद हादसे में लापरवाही एक प्रमुख कारण बनी जब मिनी बस का चालक और प्राइवेट बस का चालक दोनों ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया। प्राइवेट बस का चालक जब बस को सड़क किनारे खड़ा कर रहा था।
तब उसे आसपास की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था। वहीं मिनी बस का चालक भी तेज गति से आ रहा था और पूरा ध्यान बस चलाने पर नहीं था। इस लापरवाही ने न केवल यात्रियों की जान को खतरे में डाला बल्कि कई परिवारों को भी दुख में डाल दिया।
यह भी पढ़ें:-Spotnow news: प्रदूषण एक बड़ा खतरा: सांभर झील में शुरू हुआ प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला