Spotnow news: पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने 8 अगस्त की रात को एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की। उनकी मांगों में प्रमुख रूप से हेल्थ सेक्रेटरी एन.एस. निगम को हटाना और स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ जवाबदेही तय करना शामिल हैं।
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कोलकाता पुलिस द्वारा डॉक्टरों पर लाठीचार्ज: 4 अक्टूबर को, कोलकाता पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद डॉक्टरों ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जो 5 अक्टूबर की रात समाप्त हुआ। इसके बाद, छह जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन की घोषणा की और कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो यह अनशन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
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सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई: 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स काम नहीं कर रहे हैं, जबकि डॉक्टरों ने सभी आवश्यक सेवाएं जारी रखने का दावा किया। अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। प्रशासनिक स्तर पर, डॉक्टरों की मांग पर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को हटाया गया, और स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया। इसके साथ ही, पांच पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी।