Spotnow News: प्रदेश में करवा चौथ का व्रत रविवार को बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि वे अपने पतियों की लंबी उम्र और खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना के लिए उपवास करती हैं।
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इस दिन की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान और श्रृंगार करने से हुई। महिलाएं सुंदर साड़ी पहनकर मेहंदी लगाकर पूजा के लिए करवा मिठाई फल और दीपक तैयार करती हैं। पूजा स्थान को सजाने के साथ-साथ उन्होंने अपनी सखियों के साथ इस दिन को और भी खास बनाया।
पूजा के समय महिलाओं ने भगवान गणेश शिव-पार्वती और करवा माता की विधिपूर्वक पूजा की। इस अवसर पर उन्होंने विशेष मंत्रों का जाप किया और अपने दांपत्य जीवन में सुख शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। महिलाएं दिनभर उपवास रखती हैं जिसमें उन्होंने न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने परिवार के लिए भी खुशियों की कामना की।
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पूरे दिन का यह उपवास उनके संकल्प और प्रेम का प्रतीक बना रहा। जब रात को चाँद निकला तो उन्होंने उसकी प्रतीक्षा की और चाँद के निकलने पर उसे छलनी में देखा। फिर उन्होंने अपने पतियों का चेहरा भी उसी छलनी में देखकर उन्हें पानी और मिठाई अर्पित की।
इस तरह राजस्थान में करवा चौथ का यह व्रत न केवल परंपराओं को निभाने का एक तरीका था बल्कि यह दांपत्य जीवन में प्रेम और खुशियों का संचार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी बना। इस विशेष दिन पर परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं जिससे रिश्तों में और भी गहराई आती है।
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