Spotnow news: लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। ये बदमाश जयपुर में हथियारों की डिलीवरी करने के लिए आए थे।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने यह खुलासा किया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग सोशल मीडिया के माध्यम से युवकों को अपनी गैंग में शामिल कर रही हैं, अब पुलिस इस मामले की जांच में लगी है।
पुलिस ने बताया कि पहले गैंग के सदस्य इन आरोपियों को छोटे कार्य सौंपते है, जैसे किसी व्यक्ति की निगरानी करना, उसकी संपर्क जानकारी एकत्रित करना, या उसके आवागमन के समय का रिकॉर्ड रखना। यदि ये कार्य सही तरीके से पूरे होते तो इसके बदले में गैंग पैसे देती है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग का संचालन पूरी तरह से गुप्त तरीके से और फोन के माध्यम से होता था। आरोपितों के मुताबिक उन्हें कभी भी गैंग के अन्य सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने या मिलने का अवसर नहीं मिलता था।
पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों को हथियारों की डिलीवरी के लिए आदेश फोन पर दिए जाते थे। हथियारों को मध्य प्रदेश से लेकर आते थे। जिसे वे जयपुर में निर्धारित स्थानों पर डिलीवर करते थे। इन आरोपितों को न तो यह जानकारी होती थी कि हथियार उन्हें किसने दिए और न ही उन्हें इस बात का अंदाजा होता था कि ये हथियार किसे दिए जा रहे थे। उनका काम केवल हथियारों को निर्दिष्ट स्थानों तक पहुँचाना था।
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सोशल मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग चला रही भर्ती
पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि इन बदमाशों ने गैंग से जुड़ने का निर्णय पैसे और नाम की चाहत में लिया था। पुलिस ने बताया कि कई युवा गैंग्स से जुड़ने का कारण जल्दी पैसा कमाना और प्रसिद्धि हासिल करना है।
इन युवकों को गैंग के सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़ते थे। गैंग के सदस्य खुद को लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा के नाम से पहचानते थे और फोन के जरिए इन युवकों को छोटे-छोटे टास्क देते थे।
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फेमस होने के लिए गैंग जॉइन कर रहे युवक
डीसीपी ने बताया कि इन गैंग्स के सदस्य आजकल के युवाओं को सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों के जरिए फंसाते हैं। वह उन्हें फेम और पैसे के लालच में डालकर अपने जाल में फंसा लेते हैं। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी कि गैंग के सदस्य इन युवकों को सिर्फ एक औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, और अंततः उन्हें केवल जेल की सलाखों के पीछे ही भेजते हैं।
गिरफ्तार किए गए बदमाशों के पास से जो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। उनकी फोरेंसिक जांच की जाएगी। इस जांच के माध्यम से पुलिस को गैंग के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क की जानकारी मिल सकती है। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि इन आरोपितों के संपर्क में और कौन लोग थे और गैंग के अन्य सदस्य किस प्रकार से काम कर रहे थे।