Spotnow news: विधायक बालमुकुंदाचार्य के खिलाफ आरोप लगाया है कि उन्होंने 21 अक्टूबर को शिया समुदाय के इमाम बाड़े में जबरन घुसकर न केवल अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। बल्कि वहां मौजूद इमाम, महिलाओं और बच्चों के साथ अभद्रता भी की।
इस मामले में जयपुर महानगर द्वितीय की न्यायिक मजिस्ट्रेट-14 कोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं। राजस्थान के बांसबदनपुरा क्षेत्र के रहने वाले रियाज हुसैन ने ये मामला दर्ज करवाया था।
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अदालत की जज आयुषी गोयल ने इस मामले की स्वयं जांच करने का निर्णय लिया और परिवादी को 28 नवम्बर तक मामले से संबंधित सबूत पेश करने के लिए कहा है।
क्या है मामला?
रियाज हुसैन द्वारा दायर परिवाद में आरोप लगाया गया है कि 21 अक्टूबर की शाम हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य अपने कुछ समर्थकों के साथ बांसबदनपुरा स्थित इमाम बाड़े में घुस आए। इस दौरान विधायक ने वहां मौजूद लोगों से अमर्यादित भाषा में बात की और इमाम के साथ गाली-गलौच की।
हुसैन के अनुसार विधायक ने इमाम को आतंकी कहकर अपशब्द कहे और वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों को भी डराया-धमकाया। इसके अलावा विधायक और उनके समर्थकों ने वक्फ बोर्ड द्वारा इमाम बाड़े पर लगाए गए बोर्ड पर भी आपत्ति जताई।
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सामाजिक ताने-बाने को आहत करने का आरोप
रियाज हुसैन ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने घटना का सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया। जिससे धार्मिक वैमनस्यता बढ़ाने और उनके धार्मिक स्थल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि यह घटना इमाम बाड़े में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है, जो इस आरोप की पुष्टि कर सकती है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
इससे पहले 26 अगस्त को भी विधायक बालमुकुंदाचार्य पर शिया समुदाय के धार्मिक जुलूस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। जिसके बाद ब्रह्मपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। हालांकि उस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह 21 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर गलता गेट थाने और डीसीपी को रिपोर्ट दी गई थी। लेकिन पुलिस ने भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
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अधिवक्ताओं ने किया न्याय की मांग
इस मामले में परिवादी की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता मोहम्मद असलम खान और वसीम खान ने बताया कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के इस कृत्य से समाज में धार्मिक विद्वेष और असहमति फैलाने की कोशिश की गई है।
अदालत ने मामले में गंभीरता से विचार करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। अब इस केस में 28 नवम्बर तक परिवादी को सबूत पेश करने होंगे और मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
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