Spotnow news: पूर्व विधायक और भाजपा नेता गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार दोपहर धौलपुर स्थित एससी-एसटी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
आत्मसमर्पण के बाद पुलिस ने मलिंगा को आधे किलोमीटर तक पैदल कोतवाली थाने तक ले जाया और फिर पुलिस वाहन से धौलपुर जेल भेज दिया।
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यह मामला मार्च 2022 का है जब धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में मलिंगा और उनके सहयोगियों के खिलाफ मारपीट का आरोप लगा था। एईएन हर्षदापति और जेईएन नितिन गुलाटी के साथ हुई इस घटना में हर्षदापति ने मलिंगा और अन्य आरोपियों के खिलाफ मारपीट राजकार्य में बाधा डालने और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने इस मामले में कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
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घटना के बाद निगम कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट को लेकर आक्रोश फैल गया। जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन एसपी शिवराज मीणा का तबादला कर दिया गया था। 11 मई को मलिंगा ने जयपुर में पुलिस कमिश्नर के सामने आत्मसमर्पण किया था। और 17 मई को उन्हें जमानत मिल गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर को मलिंगा को 14 दिन के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था और हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक को हटा दिया था। अब इस मामले की सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
गिर्राज सिंह मलिंग जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर बाड़ी सीट से लड़ा था, बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से हार गए थे। वे पहले बसपा से विधायक थे और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन कांग्रेस से टिकट न मिलने पर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।
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इस मामले में एईएन हर्षदापति कांग्रेस नेता कैप्टन मुकेश वाल्मीकि के बेटे हैं, जिन्होंने 2003 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। घटना के बाद, तत्कालीन डीजीपी एम.एल. लाठर ने बाड़ी के डीएसपी बाबूलाल मीणा और कोतवाल विजय कुमार मीणा को सस्पेंड कर दिया था।