Spotnow news: फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर इस्तीफा नहीं देंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ट्रंप के आदेश पर पद छोड़ देंगे तो पॉवेल ने सीधे “नहीं” जवाब दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के पास उन्हें निकालने या पद से हटाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। क्योंकि यह कानून के तहत अनुमति नहीं है।
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यूएस फेडरल रिजर्व ने गुरुवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। जिससे अब यह दर 4.50-4.75 प्रतिशत के बीच हो गई है। यह कटौती बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है और महज दो महीने बाद की गई है, जब फेड ने ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती की थी। इस कदम के साथ फेड ने दरों में कटौती की एक नई श्रृंखला की शुरुआत की है, जो पिछले चार वर्षों में पहली बार हो रही है।
पॉलिसी घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा, “हालांकि बेरोजगारी दर पिछले साल की तुलना में अब भी थोड़ी अधिक है। लेकिन पिछले तीन महीनों में इसमें कमी आई है और अक्टूबर में यह 4.1 प्रतिशत पर बनी हुई है।… महंगाई पिछले दो सालों में काफी कम हुई है। सितंबर में समाप्त हुए 12 महीनों में कुल व्यक्तिगत उपभोग व्यय (PCE) कीमतों में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें खाद्य और ऊर्जा को छोड़कर कोर PCE कीमतों में 2.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई…..पूरी खबर पढ़ें
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ट्रंप जिन्होंने 2017 में पॉवेल को फेड का चेयरमैन नियुक्त किया था। अपने पहले कार्यकाल के दौरान बार-बार फेड प्रमुख पर हमला कर चुके थे। वह अक्सर यह आरोप लगाते रहे कि पॉवेल द्वारा ब्याज दरों को जल्दी नहीं घटाया जा रहा जिससे आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इस बीच, ट्रंप ने एक अक्टूबर इंटरव्यू में यह भी कहा था कि राष्ट्रपति को ब्याज दरों पर टिप्पणी करने का अधिकार होना चाहिए, हालांकि वह इसे आदेश देने के रूप में नहीं देख रहे हैं।
पॉवेल ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि ट्रंप की चुनावी जीत से फेड की मौद्रिक नीति पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में चुनाव का हमारे नीति निर्णयों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। फेड ने इस दिन अपनी दूसरी लगातार ब्याज दर में कटौती की हालांकि यह पहले की तुलना में कम आक्रामक थी। सितंबर में आधे प्रतिशत की कटौती के बाद फेड ने ब्याज दर को 4.50% से 4.75% के बीच घटा दिया।
बैठक के बाद जारी बयान में फेड ने अर्थव्यवस्था के बारे में अपने दृष्टिकोण में कुछ बदलाव किए। समिति ने माना कि अब मुद्रास्फीति और रोजगार के लक्ष्य को प्राप्त करने के जोखिम संतुलित हैं। इसके साथ ही फेड ने कहा कि श्रम बाजार में कुछ नरमी आई है। लेकिन बेरोजगारी दर फिर भी कम बनी हुई है। इस फैसले के बाद बाजारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और प्रमुख शेयर सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे।
ट्रंप के चुनावी विजयी होने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या उनकी नीतियां विशेषकर चीन पर शुल्क और टैक्स कटौती, फेड की मौद्रिक नीति को प्रभावित करेंगी। हालांकि पॉवेल ने कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि ट्रंप के आर्थिक एजेंडा का फेड की नीतियों पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत शुरुआती दौर है, हमें नहीं पता कि नीतियां क्या होंगी और इन्हें कब लागू किया जाएगा।
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इस बीच रिपब्लिकन पार्टी ने मंगलवार के चुनावों में सीनेट में बहुमत हासिल किया है। और यदि प्रतिनिधि सभा भी GOP के नियंत्रण में जाती है। तो ट्रंप को अपनी आर्थिक नीतियों को लागू करने में आसानी हो सकती है।